समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 16 मार्च।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों के गेहूं का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। सभी जिलों में गेहूं उपार्जन की सभी व्यवस्थाएं अग्रिम रूप से सुनिश्चित की गई है। किसानों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जाकर उपार्जन केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
समय पर किसानों की फसल का उपार्जन हो और उपार्जन के बाद भुगतान में विलंब न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेरे लिए एक-एक किसान महत्वपूर्ण है। किसी भी किसान का भुगतान रुकना नहीं चाहिए। किसान को भुगतान न होना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे दोषी व्यक्तियों की संपत्ति कुर्क की जाकर उन्हें जेल भेजें। उपार्जित फसल के तुरंत परिवहन की भी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की सभी व्यवस्थाएं प्राथमिकता के आधार पर की जा रही हैं। इंदौर एवं उज्जैन संभाग में 22 मार्च से और शेष संभागों में एक अप्रैल से गेहूं उपार्जन का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गेहूं उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन किया गया है। पंजीयन से कोई किसान चूके, नहीं इसके लिए पंजीयन की तिथि में दो बार वृद्धि भी की गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना काल में किसानों की सुविधा के लिए उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई थी। इस बार 4763 केंद्र पर उपार्जन की व्यवस्था की गई है। सभी उपार्जन केंद्रों पर किसानों के लिए माकूल व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं।श्री चौहान ने किसानों से अपील की है कि वे निश्चिंत होकर अपना गेहूं उपार्जन केंद्रों पर लाएं। सभी किसानों के गेहूं का एक-एक दाना सरकार खरीदेगी। इस बार समर्थन मूल्य पर 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन का अनुमान है। अभी तक 24 लाख 58 हजार किसानों ने गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है। इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल होगा। गत वर्ष यह 1925 रुपए प्रति क्विंटल था।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन 22 मार्च से प्रारंभ किया जाएगा, जो 15 मई तक चलेगा। इस बार उपार्जन का कार्य मार्कफेड करेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि चने का समर्थन मूल्य 5100 रुपए, सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रुपए और मसूर का समर्थन मूल्य 5100 रुपए प्रति क्विंटल है। चने का उपार्जन 14 लाख 51 हजार टन, मसूर का एक लाख 37 हजार टन और सरसों का 3 लाख 90 हजार टन अनुमानित है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी किसान अपनी उपज को बेचने से वंचित न रहे और सभी किसानों को उनकी उपज का भुगतान समय पर हो। किसान को भुगतान न होना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे दोषी व्यक्तियों की संपत्ति कुर्क की जाकर उन्हें जेल भेजें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन सहकारी संस्थाओं की विश्वसनीयता संदिग्ध हो, उन्हें इस बार उपार्जन का कार्य न दिया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गत वर्ष की तरह इस बार भी स्व-सहायता समूहों तथा कृषि उत्पादक समूहों को उपार्जन कार्य दिया जाएगा। गत वर्ष 39 उपार्जन केंद्रों पर स्व-सहायता समूहों एवं कृषि उत्पादक समूहों द्वारा 9 लाख 78 हजार 526 क्विंटल गेहूं उपार्जित किया गया, जो कुल उत्पादन का तीन प्रतिशत था।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन का जो इतिहास रचा गया, उसके मूल में किसानों की कड़ी मेहनत है। प्रदेश के किसानों ने मध्यप्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा भी हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के इतिहास में समर्थन मूल्य पर हुई रिकार्ड खरीदी में सरकार द्वारा की गई चाक-चौबंद व्यवस्थाओं ने भी उत्प्रेरक की भूमिका निभाई।
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