समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 30मार्च। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हिमाचल प्रदेश की तरफ से हाईड्रो पावर प्लांट पर प्रस्तावित वाटर सैस लगाने का मुद्दा बुधवार को अपने पहाड़ी राज्य समकक्ष सुखविंदर सुखू के समक्ष उठाया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज सुबह अपने सरकारी आवास पर सीएम भगवंत मान से मुलाकात की। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पन-बिजली प्लांट पर प्रस्तावित वाटर सैस लागू करने के बारे में राज्य की चिंता व्यक्त की।
भगवंत मान ने कहा कि इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह राज्य के हितों के खिलाफ है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वाटर सैस केवल उनके अपने राज्य में पन-बिजली प्लांटो पर ही लगाया जाएगा और कहा कि यह पंजाब में लागू नहीं होगा।
इस मुद्दे को हल करने के लिए, दोनों मुख्यमंत्रियों ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिव और ऊर्जा सचिव हर पखवाड़े बैठक करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्यों में कोई झगडा न हो। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के उच्च अधिकारी आपसी सहयोग से राज्यों के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान करेंगे। उन्होंने दोनों राज्यों के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर सहमति व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने एक और मुद्दा उठाते हुए श्री आनंदपुर साहिब और नैना देवी के बीच रोप-वे की बात की जिससे दोनों राज्यों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि रोपवे से लाखों तीर्थयात्री इन दोनों ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकेंगे। दोनों मुख्यमंत्रियों ने इस बात पर सहमत हुए कि इस योजना से दोनों तीर्थस्थलों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा में आसानी होगी, जो एक दूसरे से काफी दूर है।
इस बीच, दोनों मुख्यमंत्री ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पठानकोट-डलहौजी रोपवे परियोजना स्थापित करने पर भी सहमति दी। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को सुविधा देने के इलावा, यह दोनों राज्यों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में भी मददगार होगा। उन्होंने इस क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं पर भी जोर देते हुए कहा कि पर्यटन की सुविधा के लिए संयुक्त रूप से काम करना दोनों राज्यों के हित में है।
मुख्यमंत्री ने बिजली क्षेत्र में भी दोनों राज्यों के बीच आपसी सहयोग की मांग की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पीक सीजन में अपनी अतिरिक्त बिजली पंजाब को बेच सकता है। भगवंत मान ने कहा कि इससे राज्य में धान के मौसम में बिजली की समस्या को दूर करने में काफी मदद मिलेगी।
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