हिमाचल में बाढ़ का कहर: 78 लोगों की मौत, कई जिलों में रेड अलर्ट जारी
भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त, प्रशासन बचाव कार्यों में जुटा।
समग्र समाचार सेवा
थुनाग/मंडी, 7 जुलाई: हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। राज्य में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
आपदा का विकराल रूप: मौतें और लापता लोग
हिमाचल प्रदेश में मानसून का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले मंडी, शिमला, कुल्लू और चंबा हैं, जहां व्यापक क्षति हुई है। कई गांवों का संपर्क टूट गया है और सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें लगातार काम कर रही हैं। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने का प्रयास जारी है, लेकिन लगातार बारिश और दुर्गम इलाका बचाव कार्यों में बाधा डाल रहा है।
जनजीवन अस्त-व्यस्त: सड़कें और बिजली बाधित
भारी बारिश के कारण राज्य भर में सड़कें, पुल और बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई प्रमुख राजमार्गों पर भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भी दिक्कत आ रही है। राजधानी शिमला सहित कई शहरों में बिजली गुल होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पर्यटन पर निर्भर हिमाचल के लिए यह आपदा एक बड़ा झटका है, क्योंकि हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं और उन्हें सुरक्षित निकालने का काम जारी है। प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने और नदियों व नालों से दूर रहने की अपील की है।
सरकार और प्रशासन की तत्परता
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपात बैठक बुलाई है और राहत कार्यों की समीक्षा की है। उन्होंने सभी जिला प्रशासनों को तत्काल राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है। सेना और वायुसेना की मदद भी मांगी गई है ताकि दूरदराज के इलाकों में फंसे लोगों तक पहुंचा जा सके। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। नागरिकों से धैर्य रखने और सरकारी निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है।
पर्यटन पर गहरा संकट
हिमाचल प्रदेश का पर्यटन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इस भयंकर आपदा ने पर्यटन क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है। हजारों पर्यटक जो छुट्टियों पर हिमाचल आए थे, विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। होटलों और रिजॉर्ट्स को भारी नुकसान हुआ है और भविष्य की बुकिंग रद्द हो रही हैं। इस प्राकृतिक आपदा का दीर्घकालिक प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है। सरकार और पर्यटन विभाग इस संकट से उबरने के लिए रणनीति बनाने में लगे हैं।
Comments are closed.