असम के 15वें मुख्यमंत्री बने हिमंत बिस्व सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी ने दिलाई शपथ

समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 10मई। हिमंत बिस्व सरमा ने आज असम के 15वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा के कई अन्य नेता भी शामिल रहे। हिमंत बिस्व को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने शपथ दिलाई।
बता दें कि रविवार को नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए थे। बता दें कि इससे पहले सर्बानंद सोनोवाल के सीएम कार्यकाल में वे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पद पर थे।
शपथग्रहण समारोह से पहले सरमा ने डोल गोबिंदा मंदिर और कामाख्या मंदिर में दर्शन किए।

 

हिमंत बिस्व सरमा का संक्षिप्त परिचय
हिमंत बिस्वा सरमा का जन्म 1 फरवरी, 1969 को हुआ। उनके माता-पिता का नाम कैलाश नाथ सरमा और मां का नाम मृणालिनी देवी है। सरमा की शुरुआती पढ़ाई गुवाहाटी के कामरुप एकैडमी स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की और फिर गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की। सरमा ने 1996 से 2001 के बीच गुवाहाटी हाई कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस भी की थी।

सरमा ने पहली बार गुवाहाटी के जालुकबाड़ी से सनु 2001 में चुनाव लड़ा। उन्होंने यहां असम गण परिषद के नेता भृगु कुमार फुकान को हराया और उसके बाद से आज तक सरमा इस सीट पर जीत दर्ज करते आए हैं।
बता दें कि साल 2011 में रंजन गोगोई को जीत दिलाने में हेमंत बिस्वा सरमा की अहम भूमिका थी। हालांकि बाद में मनमुटाव के बाद सरमा राहुल गांधी से मिलने के प्रयास में लगे थे लेकिन इस बीच राहुल गांधी सरमा से नहीं मिल पाए। जिसके बाद पार्टी में खुद को अहमियत ना मिलने के बाद हेमंत बिस्वा सरमा ने पार्टी से किनारा कर लिया और भाजपा का दामन थाम लिया।
उनके भाजपा में शामिल होने का फायदा भाजपा को मिला और उन्होंने सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में असम में साल 2016 में सरकार बनाई और कांग्रेस पार्टी असम की राजनीति से हट गई। इसके बाद साल 2021 में भाजपा को असम में जीत मिली और भाजपा की बैठक में हेमंत बिस्वा सरमा को विधायक दल का नेता चुना गया है।

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