हिंदी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक, देश के संपर्क की जीवंत भाषा- सुश्री अनुसुईया उइके

राज्यपाल छिन्दवाड़ा में हिन्दी प्रचारिणी समिति द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में हुई शामिल

समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 15 सितंबर।  राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके छिन्दवाड़ा में हिन्दी प्रचारिणी समिति द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस समारोह-2021 में शामिल हुई और हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कहा कि हिन्दी भाषा सहज और सरल होने के कारण आमजन की भाषा बनी हुई है। इसके कारण देश के कोने-कोने के लोग इसे आसानी से समझ एवं बोल सकते हैं और अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। हिंदी हमारे देश की राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। वास्तव में यह देश के संपर्क की जीवंत भाषा है। उन्होंने इस अवसर समिति के साहित्य सचिव श्री रणजीत सिंह परिहार जी द्वारा विरचित ग्रंथ ‘‘कम्ब रामायण और रामचरित्र मानस की रामकथा का अध्ययन’’ एवं साहित्यकार श्री लक्ष्मण प्रसाद डेहरिया जी द्वारा रचित कहानी संग्रह ‘‘पतझर का सावन’’ का विमोचन किया और उन्हें शुभकामनाएं दी।


राज्यपाल ने हिन्दी प्रचारिणी समिति की सराहना करते हुए कहा कि यह समिति हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। समिति द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और उन्नयन के लिए ऐसे कई कार्य किए गए हैं, जो सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।
राज्यपाल ने कहा कि वही भाषा प्रभावी बनती है, जो लोगों को एक दूसरे से जोड़ने में मददगार होती है। वही भाषा जीवित और प्रगतिशील बन सकती है जो आमजन के बीच प्रचलित हो, उनका प्रतिनिधित्व करें और विकास में सहायक हो। हिंदी भाषा में यह विशेषता देखने को मिलती है। इसी कारण से देश की अधिकांश जनता ने हिन्दी को दिल से अपनाया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह हमारे देश की राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। तत्कालीन समय में हिंदी के नारों और गीतों ने भारतीयों में ऊर्जा का संचार किया था और भारतीय, अंग्रेजों के शासन के खिलाफ एकजुट हो गए।


राज्यपाल ने कहा कि हर क्षेत्र में विकास के साथ-साथ सकारात्मक पक्ष और नकारात्मक पक्ष भी देखने को मिलता है। आज हिंग्लिश के रूप में नई भाषा का प्रचलन हो रहा है। हम हिंदी लिखते समय अंग्रेजी शब्दों का उपयोग करते हैं। अंग्रेजी के कई शब्द ऐसे भी उपयोग हो रहे हैं जिसने हिंदी शब्दों की जगह ले ली है। हमें इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

 


राज्यपाल ने कहा कि हिंदी की स्वीकार्यता दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि जो न्यूज चैनल पहले अंग्रेजी में कंटेन्ट दिखाया करते थे, वे अब हिंदी में भी दिखा रहे हैं। यह बात टोक्यो ओलंपिक के समय भी दिखी, खेल का विवरण हिंदी में सहज सुलभ हो रही थी। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित करें और उन्हें अहसास कराएं कि वे गर्व करें कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है। निश्चित ही इन सब प्रयासों से हिंदी सही अर्थों में एक राष्ट्रशक्ति के रूप में उभर कर सामने आएगी और पूरे देश को एकसूत्र में बांधेगी। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि तथा श्री मध्यप्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र शर्मा का भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्री अखिलेश्वर नन्द गिरी, श्री शिव कुमार गुप्ता, श्री रणजीत सिंह परिहार, श्री लक्ष्मण प्रसाद डेहरिया, हिंदी प्रचारिणी समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य गण उपस्थित थे।

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