समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 दिसंबर। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने आज संसद परिसर के अंदर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार से तत्काल जवाब मांगते हुए संसद भवन परिसर में नारेबाजी की। विपक्षी सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की।
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विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए। विपक्ष का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और उनकी संपत्तियों को नष्ट करने की घटनाओं पर केंद्र सरकार की चुप्पी चिंताजनक है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने और बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं और भारत को इस पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर संवेदनहीन बनी हुई है और अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
दूसरी ओर, सरकार ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष को संसदीय प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन परिसर में बैनर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया, जिन पर “हिंदुओं की रक्षा करो” और “अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बंद करो” जैसे नारे लिखे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा।
संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव देने की योजना बनाई है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह संसद के भीतर और बाहर सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है।
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