समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने वीर सावरकर के बारे में सही जानकारी का अभाव होने का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही उन्हें बदनाम करने की मुहिम चली है और अब अगला लक्ष्य स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती और महर्षि अरविंद हो सकते हैं।
मोहन भागवत ने उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की पुस्तक ”वीर सावरकर हु कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन” का विमोचन करते हुए यह बात कही. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा, सावरकर जी का हिन्दुत्व, विवेकानंद का हिन्दुत्व ऐसा बोलने का फैशन हो गया, हिन्दुत्व एक ही है, वो पहले से है और आखिर तक वो ही रहेगा. सावरकर जी ने परिस्थिति को देखकर इसका उद्घोष जोर से करना जरूरी समझा।
मोहन भागवत ने कहा, इतने वर्षों के बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी, सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता।
उन्होंने कहा, ”भारत में आज के समय में सावरकर के बारे में वास्तव में सही जानकारी का अभाव है। यह एक समस्या है। सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गई। यह स्वतंत्रता के बाद खूब चली। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि सावरकर सामने थे. भारत को जोड़ने से जिनकी दुकान बंद हो जाएंगी, उन्हें यह अच्छा नहीं लगता था।
उतना ही नही भागवत ने स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और महर्षि अरविंद को भी बदनाम करने जैसी स्थिति की आशंका जाहिर की है।
सावरकर जी का हिन्दुत्व, विवेकानंद का हिन्दुत्व ऐसा बोलने का फैशन हो गया, हिन्दुत्व एक ही है, वो पहले से है और आखिर तक वो ही रहेगा। सावरकर जी ने परिस्थिति को देखकर इसका उद्घोष जोर से करना जरूरी समझा: वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख pic.twitter.com/4oJZ3HfXBD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 12, 2021
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