समग्र समाचार सेवा,
मुंबई, 6 जून: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद शुक्रवार को जैसे ही रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की बड़ी कटौती का ऐलान हुआ, वैसे ही भारतीय शेयर बाजार में जोश की लहर दौड़ गई। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन की शुरुआत भले ही सुस्ती के साथ हुई हो, लेकिन RBI के फैसले ने बाजार में जान फूंक दी।
सुस्त शुरुआत के बाद अचानक आया जोश
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स शुक्रवार को मामूली गिरावट के साथ 81,434.24 अंक पर खुला था, जो कि गुरुवार के बंद 81,442.04 अंक से थोड़ा नीचे था। शुरुआती घंटे तक बाजार रेड जोन में कारोबार करता रहा, लेकिन सुबह 10 बजे जैसे ही RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की, सेंसेक्स ने करीब 710 अंकों की जोरदार छलांग लगाई और 82,165 के स्तर को छू लिया।
निफ्टी ने भी पकड़ी रफ्तार
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी इंडेक्स भी सेंसेक्स की तरह शुरुआत में सुस्त रहा। यह 24,748.70 पर खुला, जो इसके पिछले बंद 24,750.90 से मामूली नीचे था। लेकिन RBI की घोषणा के बाद निफ्टी ने भी लगभग 230 अंकों की तेजी दिखाई और 24,982 के स्तर पर पहुंच गया। दोनों प्रमुख इंडेक्सों की यह रफ्तार बाजार की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाती है।
रेपो रेट घटकर 5.50% हुआ, EMI में राहत तय
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया गया है। यह इस साल की तीसरी कटौती है — फरवरी और अप्रैल में पहले ही 25-25 बीपीएस की कटौती हो चुकी है। इस फैसले से आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा क्योंकि बैंक अब होम लोन और ऑटो लोन पर ब्याज दरें घटा सकते हैं, जिससे मासिक EMI कम हो सकती है।
CRR में भी कटौती, इकोनॉमी को मिलेगा बूस्ट
केवल रेपो रेट ही नहीं, RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिस पॉइंट की कटौती करते हुए इसे 4% से घटाकर 3% कर दिया है। यह फैसला बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे कर्ज वितरण को गति मिल सकती है।
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “यह फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए लिया गया है। हम देख रहे हैं कि भारत निवेश के लिए वैश्विक स्तर पर पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब 691.5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है।”
FY26 के लिए महंगाई दर अनुमान में भी कमी
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 3.7% कर दिया है, जो पहले 4% अनुमानित था। इससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में महंगाई में और राहत मिल सकती है।
निवेशकों में लौटा भरोसा
RBI की इस साहसिक मौद्रिक नीति ने बाजार को एक सकारात्मक संकेत दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट और CRR में कटौती से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और यह निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है। बैंकों, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में खासकर तेजी देखने को मिली।
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