रामसेतु को मिले ऐतिहासिक स्मारक का दर्जा, सुप्रीम कोर्ट में फिर उठी मांग

 समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 23 फरवरी। रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने की मांग फिर सुप्रीम कोर्ट में उठी है। इसको लेकर एक याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसकी राय मांगी है।  सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका पर केंद्र से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई की तारीख 9 मार्च तय की है। स्वामी ने इससे पहले 2020 में रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। उस समय कोर्ट ने बाद में विचार करने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस समय भी केंद्र सरकार को इस मामले पर एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था।  आपको बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने 2018 में यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी थी। उन्होंने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की थी।

हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण‘ में कहा गया है कि “वानर सेना” ने राम को लंका पार कराने और सीता को बचाने में मदद करने के लिए समुद्र पर एक पुल बनाया था। चूना पत्थर के शोलों की 48 किलोमीटर की श्रृंखला को रामायण के साथ जोड़ दिया गया है। यह इस दावे पर टिका है कि यह मानव निर्मित है। 2007 में एएसआई ने कहा था कि उसे इसका कोई सबूत नहीं मिला है। बाद में इसने सर्वोच्च न्यायालय में यह हलफनामा वापस ले लिया।

रामायण का समय पुरातत्वविदों और वैज्ञानिकों के बीच एक बहस का विषय है। राम सेतु और उसके आसपास के क्षेत्र की प्रकृति और गठन को समझने के लिए पानी के नीचे पुरातात्विक अध्ययन करने का प्रस्ताव है।

Comments are closed.