भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष राजकीय सम्मान के साथ लौटे भारत, प्रदर्शनी के लिए भेजे गए थे थाईलैंड

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19मार्च। भगवान बुद्ध और उनके दो प्रमुख शिष्यों, अरहंत सारिपुत्र और मौदगलायन के अवशेष थाईलैंड से भारत वापस लाए गए. केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और बौद्ध धार्मिक प्रमुख मंगलवार को पवित्र अवशेषों को भारत लाए हैं. दिल्ली में भगवान बुद्ध के अवशेषों की पूजा की गई.

भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों अरहत सारिपुत्र और अरहत मौदगलायन के पवित्र अवशेष 26-दिवसीय प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में थाईलैंड के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शित किए गए थे. इन अवशेषों को 22 फरवरी को राजकीय अतिथि के दर्जे के अनुरूप भारतीय वायु सेना के एक विशेष विमान में ले जाया गया था.

भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के चार पवित्र पिपराहवा अवशेष भारत में संरक्षित हैं. भगवान बुद्ध के अवशेष राष्ट्रीय संग्रहालय के संरक्षण में हैं जबकि उनके शिष्यों के अवशेष को थाईलैंड में प्रदर्शित करने के लिए मध्य प्रदेश द्वारा दिल्ली भेजा गया था.

अवशेषों को 23 फरवरी को बैंकॉक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित मंडप में सार्वजनिक पूजा के लिए स्थापित किया गया था. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने बताया था कि यह पहली बार था जब भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के पवित्र अवशेषों को एक साथ प्रदर्शित किया गया.

कार्यक्रम के अनुसार, इन पवित्र अवशेषों को 4-8 मार्च तक हो कुम लुआंग, रॉयल रुजाप्रुक, चियांग माई में प्रदर्शित किया गया. 9-13 मार्च तक वाट महा वानाराम, उबोन रतचथानी में और 14-18 मार्च तक वाट महा थाट, औलुएक, क्राबी में प्रदर्शित किया गया.

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