सीएम स्टालिन की ललकार पर गृह मंत्री अमित शाह ने खेला बड़ा दांव, बोले- DMK के चलते नहीं मिला कोई तमिल पीएम

समग्र समाचार सेवा
चेन्नई , 13जून। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने शनिवार (10 जून) को राज्य के लिए बीजेपी की ओर से लागू की गई विशेष योजनाओं की सूची मांगी तो रविवार (11 जून) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित ने बड़ा दांव खेल दिया. द फेडरल न्यूज वेबसाइट ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि गृह मंत्री अमित शाह ने भविष्य में किसी तमिल को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शाह ने रविवार को दक्षिण चेन्नई में बीजेपी के पदाधिकारियों की बंद कमरे में हुई बैठक में ये बड़ा बयान दिया. उन्होंने बताया कि गृह मंत्री शाह ने यह भी कहा, ”हमें तमिलनाडु के दो (हो सकने वाले) प्रधानमंत्रियों की कमी खली.” सूत्रों के मुताबिक, शाह ने कहा, ”हमने (हो सकने वाले) दो प्रधानमंत्रियों कामराज और मूपनार को खोया है. इनके प्रधानमंत्री न बन पाने के लिए डीएमके जिम्मेदार है.”

गृह मंत्री शाह ने इन दो नेताओं का लिया नाम- सूत्र

पार्टी सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री शाह ने जिन दो नेताओं का नाम लिया, उनमें से एक के कामराज ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री और बाद में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनने में मदद की थी. कहा जाता है कि कामराज नेहरू के बाद पीएम बन सकते थे, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. वहीं, जीके मूपनार 1996 में गठबंधन सरकार की पीएम रेस में प्रमुख दावेदार थे, लेकिन डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने दो बार उनके नाम पर असहमति जताई थी.

मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर जनसभाएं कर रहे गृह मंत्री

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. इनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और कई केंद्रीय मंत्रियों की जनसभाएं भी शामिल हैं. इन्हीं कार्यक्रमों के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी शनिवार और रविवार (10-11 जून) को चार राज्यों- गुजरात, महराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में जनसभाएं रखी गईं.

रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ”मैंने दक्षिण चेन्नई संसदीय क्षेत्र के शक्तिकेंद्र प्रभारियों, जिला प्रभारियों और मंडल प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श किया. मैंने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी की पहचान स्थापित करने के लिए उनकी ओर से किए गए प्रयासों की सराहना की.”

 

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