समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12मार्च। मोदी सरकार ने सोमवार यानी 11 मार्च 2024 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नियमों को अधिसूचित कर दिया. देश भर में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच 2019 में संसद की तरफ से सीएए पारित किया गया था. यह अधिनियम गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) के लिए नागरिकता प्रक्रिया को तेज करता है, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से चले गए और 2014 से पहले भारत आए.
सिकंदराबाद में सोशल मीडिया वॉरियर्स मीट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “हमने कहा था कि हम सीएए लाएंगे. कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती रही. हमारे संविधान निर्माताओं ने वादा किया था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थी जो हैं वहां जुल्म सहकर यहां आने वाले लोगों को नागरिकता दी जाएगी, लेकिन तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस इसका विरोध करती थी. हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख और अन्य लोगों को नागरिकता देकर नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें सम्मान दिया है.”
सीएए पर एनसी के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी चुनाव में मजहब का इस्तेमाल करना चाहती है. बीजेपी 400 सीटों का दावा कर रही थी, उनको लग रहा है कि उनकी पॉजिशन कमजोर है. इसलिए ऐसा कर रहे हैं. CAA नोटिफाई किया है इसका अफसोस है.
ममता बनर्जी ने कहा कि इससे आपके सभी अधिकार छीन लिए जाएंगे, आपको अवैध घोषित कर दिया जाएगा. आपके पास कोई अधिकार नहीं बचेगा. यह अधिकार छीनने का खेला है. आपको डिटेंशन कैंप में ले जाया जाएगा. आप (केंद्र सरकार) सुन लें मैं बंगाल से किसी को भी जाने नहीं दूंगी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CAA लागू होने को लेकर कहा, “केंद्र सरकार ने कल CAA लागू किया, मुझे संदेह है कि इनके द्वारा लाया गया कानून वैध भी या नहीं. इसे लेकर केंद्र सरकार की स्पष्टता नहीं है. 2019 में असम में NRC के नाम पर 19 लाख में से 13 लाख बंगाली हिंदू को लिस्ट से हटा दिया गया था, कई लोगों ने आत्महत्या की थी. मैं पूछती हूं, अगर वे लोग दर्खास्त करेंगे तो क्या उन्हें नागरिकता मिलेगी? उनके बच्चे का भविष्य क्या होगा? उनकी संपत्ति का क्या होगा?”
CAA लागू होने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “आपको CAA को NRC और NPR के साथ जोड़कर देखने की जरूरत है. क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में मेरा नाम लेकर नहीं कहा था कि NRC और NPR लागू किया जाएगा? यह रिकॉर्ड में है. उनका (भाजपा) मुख्य उद्देश्य देश में NPR और NRC लागू करना है.”
केंद्र सरकार की तरफ से CAA के लिए नियम जारी करने के एक दिन बाद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और मांग की कि विवादित क़ानून और नियमों पर रोक लगाई जाए, और कोई जबरदस्ती कदम न उठाया जाए. इस कानून के लाभ से वंचित मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
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