उज्जैन, 15 अप्रैल | विक्रमोत्सव 2025 के शुभ अवसर पर आयोजित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम “महानाट्य” में आज भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। यह महानाट्य भारत के महान सम्राट विक्रमादित्य के जीवन, विचारों और योगदान पर आधारित था, जिसे दर्शकों ने अभूतपूर्व उत्साह और गर्व के साथ देखा।
कार्यक्रम का आयोजन उज्जैन के ऐतिहासिक भूमि पर हुआ, जो स्वयं सम्राट विक्रमादित्य की कर्मभूमि रही है। यह नाट्य प्रस्तुति सम्राट की न्यायप्रियता, वीरता, विद्वत्ता और जनकल्याण के प्रति समर्पण को दर्शाने वाला एक सांस्कृतिक उत्सव था, जिसे देशभर से आए कलाकारों ने जीवंत रूप में मंचित किया।
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने सम्राट विक्रमादित्य को भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक उज्ज्वल प्रतीक बताया। उन्होंने कहा,
“सम्राट विक्रमादित्य का व्यक्तित्व भारतीय दर्शन, नेतृत्व और नैतिक मूल्यों का आदर्श रूप है। आज के युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।”
उन्होंने विक्रमोत्सव को भारतीय सांस्कृतिक चेतना का जीवंत उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजन देश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उसे नई पीढ़ी तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम हैं।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्रीगण, विभिन्न राज्यों से आए गणमान्य अतिथि, संस्कृतिकर्मी तथा बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में उपराष्ट्रपति ने कलाकारों से भेंट की और उनकी प्रस्तुति की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
विक्रमोत्सव का यह आयोजन आगामी दिनों तक विविध कार्यक्रमों के साथ जारी रहेगा, जिसमें शास्त्रीय संगीत, लोक कला, संगोष्ठियाँ और ऐतिहासिक प्रदर्शनी जैसे विविध आयोजन शामिल हैं।
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