सुदेश गौड़
प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रेप मामले में बुधवार को एसआईटी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधानसभा में विपक्ष के नेता कमलनाथ भोपाल में न होने के कारण SIT को बयान देने से बच गए पर बड़ा सवाल यही है ऐसा वे कब तक कर सकेंगे।मप्र कांग्रेस पार्टी सूत्रों के अनुसार कमलनाथ ने इस बारे में SIT को सूचित कर दिया था कि दो जून को उनका दिल्ली का पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम होने के कारण बयान नहीं हो सकेंगे।अभी यह नहीं बताया है कि वे बयान के लिए कब उपलब्ध होंगे।हनी ट्रेप मामले में विवेचना सहायक एवं इंदौर के थाना किशनगंज के निरीक्षक शशिकांत चौरसिया ने कमलनाथ को कुछ दिन पहले नोटिस दिया था। नोटिस में कहा गया था कि 21 मई 2021 को ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में कमलनाथ ने कहा था कि हनीट्रेप की पेन ड्राइव उनके पास है। इस पेन ड्राइव को लेने के लिए दो जून को दोपहर 12.30 बजे चौरसिया कमलनाथ के श्यामला हिल्स स्थित आवास पर पेन ड्राइव लेने पहुंचेंगे।
पता चला है कि कमलनाथ दिल्ली में हैं, वे संभवत 7 जून को भोपाल आएंगे। अब एसआईटी के निरीक्षक 7 जून को कमलनाथ से संपर्क कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश की राजनीति को नजदीक से जानने व समझने वाले पत्रकारों का मानना है कि अपने ही बयान में कमलनाथ इतने उलझ गए हैं कि अब न खाते बन रहा है न उगलते।पेनड्राइव हो तो भी SIT को देना यानी अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना होगा।यदि कहें नहीं है तो साबित हो जाएगा कि उन्होंने झूठा बयान दिया था। यानी इधर कुआं उधर खाई।अब कमलनाथ लगातार मजबूरन कह रहे हैं कि हनीट्रैप कांड की पेनड्राइव मेरे पास कहाँ हैं,वो तो प्रदेश के अनेक पत्रकारों के पास है।ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में कमलनाथ ने स्पष्ट कहा था कि उनके पास पेनड्राइव है। जब उनसे पूछा गया था कि पेनड्राइव आपके पास कहाँ से आयी तो उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस का नाम लिया था। वे बोले थे कि मुख्यमंत्री के नाते मध्यप्रदेश पुलिस ने पेन ड्राइव मुझे उपलब्ध करायी थी। उनके इसी बयान पर उन्हें घेरा गया था कि जब मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उनके संज्ञान में कोई चीज़ या जानकारी लायी गई तो उसके बारे में वे यदि बाद में सार्वजनिक घोषणा करते हैं तो ये मुख्यमंत्री पद की शपथ व गोपनीयता का सरासर उल्लंघन है।
उधर भाजपा की ओर से कमलनाथ पर तीन तरफ से लगातार धारदार हमला किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा और मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा रणनीति बनाकर एक के बाद एक कमलनाथ को घेर रहे हैं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो कमलनाथ को इस तरह की बयानबाजी के लिए कठोर विधिक कार्रवाई की माँग तक कर डाली थी। वहीं गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को सुझाव तक दे डाला था कि वे इस संकट से कैसे बच सकते हैं।उन्होंने कहा था यदि कमलनाथ के पास पेन ड्राइव है तो वे SIT को दे दें। यदि नहीं है तो वे कह दें कि मैं उम्र के कारण कभी भी कहीं भी कुछ भी बोल देता हूँ और बाद में अपनी बात में सुधार भी करता हूँ और आज मैं अपनी बात में फिर सुधार करता हूँ और कह रहा हूँ कि वो पेनड्राइव मेरे पास नहीं है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा में ऐसा सुझाव दे कर कमलनाथ के लिए वह पतला रास्ता भी बंद कर दिया जो एक संभावना हो सकता था।
माना जा रहा है कि कमलनाथ इस प्रकरण में बचाव का रास्ता खोजने के लिए time buy करना चाह रहे हैं। वे इस मामले में अपने विधि विशेषज्ञ मित्रों के साथ सतत संपर्क में है। कमलनाथ के नज़दीकी मित्र और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा उनकी मदद करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। आपको याद होगा कि कोरोना के इंडियन वैरियंट वाले बयान पर जब कमलनाथ घिर गए थे और उनके ख़िलाफ़ FIR तक हो गई थी तो विवेक तन्खा ने ही उनके बचाव में सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार का हलफ़नामा मीडिया में सार्वजनिक किया था जिसमें केन्द्र सरकार की ओर से ही इंडियन वैरियंट टर्मिनोलॉजी का उपयोग किया गया था। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के इसी दस्तावेज के कारण कमलनाथ के ख़िलाफ़ भाजपा द्वारा राष्ट्रविरोधी होने का प्रचारित आरोप ठंडा पड़ गया।
कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री,जो आजकल कमलनाथ से नाख़ुश हैं, का मानना है कि कमलनाथ इतनी वरिष्ठता के बावजूद पता नहीं ऐसे बयान क्यों दे देते हैं जो उनके ही गले में फंदा बन जाते हैं।पार्टी सूत्रों के अनुसार कमलनाथ जो कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के संभावित दावेदारों में माने जा रहे थे पर इस तरह के विवाद व बयान उस संभावनाओं पर पानी फेरने के लिए पर्याप्त हैं।मैहर में मृतक रामचंद्र अग्रवाल द्वारा स्वयं कमलनाथ को बताया जाना कि उनकी मृत्यु नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारण हई है को भी लोग भूले नहीं हैं और उनका व पार्टी की जमकर खिल्ली उड़ा रहे हैं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बयान को लपक कर डाइविंग कैच करते हुए तुरंत प्रेसवार्ता कर मामले को उनके झूठ को जमकर प्रचारित किया था।
हनीट्रैप कांड के कारण खुद कटघरे में खड़ी भाजपा कमलनाथ के इस ‘सेल्फ गोल’ से उत्साहित महसूस कर रही है और वह किसी भी कीमत पर इस अवसर को गंवाना नहीं चाहेगी।देखना होगा कि कैसे कमलनाथ कांग्रेस में अपनी लंबी अनुभवी पारी व नेटवर्किंग का लाभ उठाते हुए इस जंजाल से खुद को सुरक्षित निकाल पाते हैं।
साभार- मीडियावाला.इन
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