हुड्डा के करीबी उदयभान को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपी गई

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 28 अप्रैल। हरियाणा कांग्रेस के नए अध्यक्ष के तौर पर उदयभान को कमान सौंपी गई है, जो भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। लंबे समय से पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा इसकी मांग कर रहे थे कि प्रदेश अध्यक्ष बदलना चाहिए। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा से उनकी अदावत जगजाहिर थी। लेकिन दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वालीं कुमारी शैलजा को हटाने पर हाईकमान के मन में संदेह था कि ऐसा करने पर उनकी बिरादरी में गलत संदेश जाएगा। ऐसे में उदयभान को लाकर हाईकमान ने बैलेंस बनाया है। वह दलित समुदाय से ही आते हैं और भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी भी हैं।

रणदीप सुरजेवाला को भी नहीं किया गया दरकिनार

इससे भी अहम बात यह है कि कांग्रेस हाईकमान ने भूपिंदर सिंह हुड्डा को कमान जरूरी दी है, लेकिन अन्य नेताओं को भी निराश नहीं किया है। यह कहा जा सकता है कि हुड्डा के करीबी को कमान देने के बाद भी हाईकमान ने बैलेंस बनाए रखा है। इसकी वजह यह है कि उदयभान के अलावा पार्टी ने 4 कार्यकारी अध्यक्षों के नाम भी घोषित किए हैं, जो अलग-अलग नेताओं के करीबी हैं। नए बने कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश गुप्ता को रणदीप सिंह सुरजेवाला का करीबी माना जाता है, जो टीम राहुल का हिस्सा माने जाते हैं। इसके अलावा विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।

कुमारी शैलजा के करीबी को भी टीम में जगह

इसके अलावा ब्राह्मण समुदाय से आने वाले जितेंद्र कुमार भारद्वाज को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी नेताओं में शुमार किया जाता है, जो प्रदेश कांग्रेस में प्रवक्ता के तौर पर भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा गुरुग्राम जिले के अध्यक्ष भी थे। वहीं हाल ही में अध्यक्ष पद से हटाई गईं कुमारी शैलजा के करीबी रामकिशन गुज्जर को भी मौका दिया गया है। वह दो बार विधायक रह चुके हैं, हालांकि 2014 में नारायणगढ़ सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

उदयभान के पिता पर बना था आया राम-गया राम का मुहावरा

उदयभान की बात करें तो वह 4 बार के विधायक हैं और 1987 से राजनीति में सक्रिय हैं। हसनपुर सीट से लोकदल के टिकट पर पहली बार वह विधानसभा पहुंचे थे और 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी। वहीं 2005 में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। तब से लगातार वह कांग्रेस के ही साथ हैं और भूपिंदर सिंह हुड्डा के वफादारों में गिने जाते हैं। उदयभान पूर्व विधायक गयालाल के बेटे हैं, जो हसनपुर सीट से ही 1967 और 1977 में जीते थे। उन्होंने 1967 में महज 15 दिनों के भीतर तीन दलों की सदस्यता ले ली थी। उन पर ही ‘आया राम, गया राम’ का मुहावरा बना था।

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