समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 सितंबर। आखिर पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने भी यह मान ही लिया है कि पंजाब कांग्रेस में आपसी कलह ज्यादा हो रही है जिससे पार्टी पर संकट मंडरा रही है। जी हां आज रावत नें कहा कि पार्टी में सब ठीक नहीं है। हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की है। हरीश रावत ने गुरुवार को कहा, “मैं आपसे छिपाना नहीं चाहता। पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। सरकार ने कुछ बहुत अच्छा काम किया है।
हरीश रावत की यह टिप्पणी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिंह सिद्धू से अलग-अलग मुलाकात करने के बाद आई है। आपको बता दें कि हरीश रावत ने आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बदले के आलाकमान के फैसले से असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं को अवगत कराया था।
रावत ने कहा कि उन्होंने पंजाब में संगठन के विस्तार और अन्य मुद्दों के संबंध में नवजोत सिद्धू के साथ बातचीत की है। रावत ने कहा, “यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति के विचार समान हों। यह कई मुद्दों पर अलग हो सकता है।” उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कैबिनेट में फेरबदल को लेकर उनकी अमरिंदर सिंह से कोई बातचीत नहीं हुई है। रावत ने कहा, ‘मीडिया ने इस मुद्दे को उठाया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह से मेरी कोई बातचीत नहीं हुई है।’
हरीश रावत ने कहा कि जो मंत्री नाराज़ थे, वह चंडीगढ़ में उनसे मुलाकात करने नहीं आए, लेकिन उनका शुक्रिया करते हैं, क्योंकि अगर वो मिलते तो पूरा दौरा उसी पर फोकस हो जाता।
यह टिप्पणी उन अटकलों के बीच आई है कि जिसमें कहा गया था कि हरीश रावत को सिद्धू के करीबी दो मंत्रियों, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा को हटाने के बारे में सूचित किया गया है।
सुखबिंदर सिंह सरकारिया और चरणजीत सिंह चन्नी उन चार कैबिनेट मंत्रियों में शामिल थे, जिन्होंने हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने अधूरे वादों पर सीएम से पर विश्वास खो दिया है। सूत्रों ने कहा कि हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को बताया था कि पार्टी आलाकमान इस स्तर पर मंत्रिमंडल विस्तार के पक्ष में नहीं है क्योंकि दो मंत्रियों को छोड़ने से असंतोष और बढ़ सकता है।
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