समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जून। लोकसभा चुनाव के रुझानों में बेशक एनडीए सरकार बनाती दिख रही है, लेकिन कई राज्य ऐसे हैं जहां मुकाबला कांटे का है। खासतौर से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, झारखंड, तेलंगाना में इंडिया गठबंधन लगातार एनडीए को टक्कर दे रहा है। गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में भी इस बार इंडिया गठबंधन खाता खोलते नजर आ रहा है। यह दोनों ही राज्यों में पिछली बार एनडीए ने सूपड़ा साफ किया था। तो आइए जानते है कि इंडिया गठबंधन मोदी सरकार पर कैसे हावी हो रहा है।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा का असर
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस की तरफ से ‘5 न्याय, 25 गारंटी’ का वादा किया था, और तभी से पूरे चुनाव कैंपेन में कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर जोर दिया। जिसमें युवा न्याय के तहत ‘पहली नौकरी पक्की’ और महिला न्याय के तहत ‘महिलाओं के खाते में एक लाख रुपये’ का वादा भी असरदार साबित हुआ है।
राम मंदिर फैक्टर नहीं किया काम
अयोध्या में इस साल राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम किया गया था। राम मंदिर का फायदा बीजेपी इस लोकसभा चुनावों में होने को लेकर सपना देख रही थी। लेकिन इंडिया गठबंधन के नेताओं ने जिस तरह से इस राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर उदासीनता का माहौल बनाया, जिस तरह से उस कार्यक्रम से दूरी बनाई गई, लोगों को धर्म से दूर रहकर असल मुद्दे पर लड़ने के लिए बनाया माहौल इंडिया गठबंधन के लिए वरदान साबित हुआ।
उत्तर प्रदेश ने छोड़ा भाजपा का साथ
यूपी में भाजपा पर नजर रखने वाले मानते हैं कि भाजपा ने राज्य में ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवारों को रिपीट किया था। इसके चलते भी उसे झटका लगा है। सुल्तानपुर में मेनका गांधी, चंदौली में महेंद्रनाथ पांडेय जैसे तमाम नेताओं से स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि वे क्षेत्र में कम आते हैं। स्थानीय स्तर पर विकास के काम भी कम कराए हैं। इसे दिल्ली के उदाहरण से भी समझा जा सकता है। भाजपा ने दिल्ली में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के अलावा सभी सीटों पर कैंडिडेट बदल दिए थे। वहां उसे सीधा फायदा भी दिखा है। इसलिए उम्मीदवारों का रिपीट होना भी एक फैक्टर है।
चुनाव कैंपेन में विपक्ष का नैरेटिव
चुनाव कैंपेन के दौरान नैरेटिव तो दोनो तरफ से सेट करने की कोशिश हुई, लेकिन ऐसा लगता है विपक्ष आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने की बात को मुद्दा बनाने में काफी सफल रहा – और तमाम तौर तरीके अपनाने के बावजूद बीजेपी चूक गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के नैरेटिव को अपनी स्टाइल में न्यूट्रलाइज करने की कोशिश की, लेकिन लगता है लोगों को ‘ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले’, ‘घुसपैठिये’ ‘मंगलसूत्र’ जैसे पॉलिटिकल कीवर्ड लोगों को पसंद नहीं आये।
मुस्लिम वोटर इंडिया गठबंधन के साथ
एग्जिट पोल के नतीजे भले ही रुझानों से मेल नहीं खा रहे हों, लेकिन मुस्लिम वोटों को लेकर सर्वे सही लग रहा है। ये तो साफ साफ लग रहा है कि INDIA ब्लॉक को सबसे ज्यादा वोट मुस्लिम समुदाय से मिला है।
युवा चाहते बदलाव
बीजेपी के ज्यादातर वोटर 35 साल से ज्यादा उम्र वाले हैं, लेकिन युवाओं का दो वर्ग 18-25 और 25-35 उम्र वर्ग के वोटर बदलाव और जल्द रिजल्ट चाहते हैं – और उनका वोट INDIA ब्लॉक को ही मिला है।
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