आंखें दिखा रहे बांग्लादेश की भारत के सामने कितनी है सैन्य और आर्थिक ताकत?

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 दिसंबर।
हाल के वर्षों में भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में जहां एक ओर सहयोग और मित्रता देखी गई है, वहीं दूसरी ओर कुछ मुद्दों पर तनाव भी सामने आया है। बांग्लादेश के कुछ नेताओं के बयानों और उसकी विदेश नीति में आए बदलावों के चलते सवाल उठता है कि क्या बांग्लादेश की सैन्य और आर्थिक ताकत भारत के मुकाबले कोई चुनौती पेश कर सकती है।

बांग्लादेश की सैन्य ताकत

बांग्लादेश का सैन्य बल क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत है, लेकिन भारत के विशाल सैन्य ढांचे के सामने यह काफी सीमित नजर आता है।

सैन्य आंकड़े (2024 तक)

  • सैन्य बजट:
    बांग्लादेश का वार्षिक रक्षा बजट लगभग 4 अरब डॉलर है, जबकि भारत का रक्षा बजट 77 अरब डॉलर के करीब है।
  • सेना:
    बांग्लादेश की सेना में लगभग 2 लाख सैनिक हैं, जबकि भारत के पास 14 लाख सक्रिय सैनिक हैं।
  • वायुसेना:
    बांग्लादेश वायुसेना में लगभग 200 लड़ाकू विमान हैं, जिनमें अधिकतर पुराने मॉडल के हैं। भारत के पास 2,200 से अधिक लड़ाकू विमान हैं, जिनमें राफेल, सुखोई-30, मिराज-2000 जैसे आधुनिक विमान शामिल हैं।
  • नेवी:
    बांग्लादेश नौसेना के पास कुछ फ्रिगेट, कोरवेट और गश्ती जहाज हैं। वहीं, भारत के पास एक शक्तिशाली नौसेना है जिसमें विमानवाहक पोत, पनडुब्बियां और विध्वंसक पोत शामिल हैं।

भारत और बांग्लादेश के आर्थिक आंकड़े

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था ने हाल के वर्षों में तेजी से विकास किया है। यह अब एक निम्न-मध्य आय वाला देश बन गया है और उसके जीडीपी ग्रोथ रेट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है।

आर्थिक तुलना (2024)

  • कुल जीडीपी:
    बांग्लादेश की जीडीपी लगभग 460 अरब डॉलर है, जबकि भारत की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है।
  • प्रति व्यक्ति आय:
    बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय 2,800 डॉलर है, जो भारत की 2,500 डॉलर से अधिक है। हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था का आकार और विविधता इसे एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनाती है।
  • निर्यात:
    बांग्लादेश मुख्य रूप से गारमेंट्स के निर्यात पर निर्भर है और इसका कुल निर्यात 50 अरब डॉलर के आसपास है। भारत का निर्यात 770 अरब डॉलर से अधिक है।

राजनीतिक और कूटनीतिक स्थिति

बांग्लादेश की राजनीति में चीन का प्रभाव तेजी से बढ़ा है। चीन ने बांग्लादेश को इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सैन्य उपकरणों में बड़े निवेश की पेशकश की है। यह भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि चीन का क्षेत्र में बढ़ता प्रभाव भारत की सुरक्षा नीति को चुनौती देता है।

हालांकि, भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक और सांस्कृतिक रिश्ते लंबे समय से मजबूत रहे हैं। भारत ने 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में बांग्लादेश की मदद की थी, और दोनों देशों के बीच व्यापारिक और जनसांस्कृतिक संबंध गहरे हैं।

बांग्लादेश की चुनौती कितनी गंभीर?

बांग्लादेश की आर्थिक और सैन्य स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन यह भारत जैसी बड़ी और विविध शक्ति के सामने फिलहाल कोई बड़ी चुनौती पेश नहीं करता। भारत के पास वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली सैन्य और कूटनीतिक ताकत है।

निष्कर्ष

भारत और बांग्लादेश का आपसी सहयोग दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। बांग्लादेश को यह समझने की जरूरत है कि उसकी प्रगति भारत के सहयोग से अधिक मजबूत हो सकती है। वहीं, भारत को भी अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखने की दिशा में काम करना चाहिए।

तनाव के बजाय सहयोग ही इस क्षेत्र में स्थिरता और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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