शेयर बाजार में भारी गिरावट: सेंसेक्स 1400 अंक टूटा, इन 4 कारणों से आई सुनामी, बिखर गए ये 10 प्रमुख स्टॉक्स
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,4 नवम्बर। हाल ही में शेयर बाजार में एक बड़ी गिरावट देखी गई है, जहां सेंसेक्स में 1400 अंकों की भारी कमी आई। निवेशकों के बीच इस गिरावट ने भय का माहौल बना दिया है, क्योंकि कई प्रमुख स्टॉक्स ने भी इस गिरावट का सामना किया है। आइए जानते हैं कि इस अचानक आई गिरावट के प्रमुख कारण क्या हैं और किन स्टॉक्स पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
1. वैश्विक बाजारों में अस्थिरता
शेयर बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण वैश्विक बाजारों में चल रही अस्थिरता है। अमेरिका और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में हालिया समय में कमजोरी देखने को मिली है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना, बढ़ती महंगाई, और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में तनाव ने निवेशकों को परेशान कर दिया है। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा, जिससे यहां भी भारी बिकवाली देखने को मिली।
2. बढ़ते ब्याज दरों का डर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। ब्याज दरों के बढ़ने से कंपनियों के लिए उधार लेना महंगा हो जाता है, जिसका सीधा असर उनके मुनाफे और विकास पर पड़ता है। इस कारण निवेशक जोखिम से बचने के लिए अपने स्टॉक्स को बेचने लगे हैं। ब्याज दरों में संभावित वृद्धि का डर बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण है।
3. फॉरेन इन्वेस्टर्स की बिकवाली
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एफआईआई) ने भी भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। एफआईआई द्वारा की जा रही भारी बिकवाली के चलते भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई है। वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते विदेशी निवेशकों का रुझान जोखिम से बचाव की ओर बढ़ा है, जिससे वे विकासशील बाजारों में अपने निवेश को कम कर रहे हैं। एफआईआई की इस बिकवाली का असर सेंसेक्स और निफ्टी पर भारी पड़ा है।
4. चीन में आर्थिक सुस्ती और आपूर्ति श्रृंखला में संकट
चीन की आर्थिक स्थिति में आई सुस्ती और वहां के संकट का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है। चीन में उत्पादन में कमी और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं से भारतीय कंपनियों को आवश्यक वस्तुएं प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इसके चलते कई कंपनियों के उत्पादन और निर्यात पर असर पड़ा है, जिससे निवेशकों का भरोसा घटा है और उन्होंने शेयर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बेचनी शुरू कर दी है।
इन 10 प्रमुख स्टॉक्स पर पड़ा सबसे अधिक असर
इस गिरावट में कई बड़े और प्रमुख स्टॉक्स को भी नुकसान हुआ है। ये वे स्टॉक्स हैं जो निवेशकों के लिए पहले से ही आकर्षण का केंद्र रहे हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति ने इन्हें भी बुरी तरह प्रभावित किया है:
- रिलायंस इंडस्ट्रीज – बाजार में आई गिरावट का सीधा असर इस दिग्गज कंपनी पर पड़ा है।
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) – आईटी सेक्टर में वैश्विक समस्याओं के कारण टीसीएस के शेयर भी टूटे हैं।
- इंफोसिस – बढ़ती ब्याज दरों और वैश्विक अस्थिरता ने इस आईटी स्टॉक पर नकारात्मक प्रभाव डाला।
- एचडीएफसी बैंक – बैंकिंग सेक्टर में बढ़ती अस्थिरता से एचडीएफसी बैंक के शेयर भी गिरावट में रहे।
- कोटक महिंद्रा बैंक – एफआईआई की बिकवाली ने इस बैंकिंग स्टॉक को भी कमजोर किया।
- आईसीआईसीआई बैंक – विदेशी निवेशकों की निकासी का असर इस बैंक पर भी देखने को मिला।
- एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो) – इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में दबाव से एलएंडटी के शेयर प्रभावित हुए।
- मारुति सुजुकी – चीन की आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी पड़ा।
- एचडीएफसी लिमिटेड – हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में ब्याज दरों की बढ़ोतरी का असर इस स्टॉक पर भी पड़ा।
- बजाज फाइनेंस – फाइनेंस सेक्टर में मौजूदा अस्थिरता के कारण बजाज फाइनेंस के शेयर भी गिरावट में रहे।
आगे की स्थिति क्या हो सकती है?
विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में अभी और अस्थिरता देखने को मिल सकती है, खासकर जब तक वैश्विक और घरेलू स्थितियों में सुधार नहीं होता। हालांकि, कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है और बाजार में लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर भी हो सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे घबराएं नहीं और सावधानीपूर्वक निवेश निर्णय लें।
निष्कर्ष
शेयर बाजार में आई यह भारी गिरावट निवेशकों के लिए एक मुश्किल समय लेकर आई है। सेंसेक्स में 1400 अंकों की गिरावट और प्रमुख स्टॉक्स की कमजोरी से बाजार में अस्थिरता है। लेकिन यह जरूरी है कि निवेशक घबराने की बजाय दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सोचें और विवेकपूर्ण निवेश करें।
Comments are closed.