समग्र समाचार सेवा
जम्मू, 14 मई। जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में गुरुवार को 35 वर्षीय कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या को लेकर तनाव बढ़ गया है। राहुल भट की हत्या के विरोध में प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी करने वाले 350 से अधिक कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को एलजी मनोज सिन्हा को अपना सामूहिक इस्तीफा भेज दिया है।
गुरुवार को बडगाम जिले के चदूरा कस्बे में लश्कर-ए-तैयबा के दो उग्रवादियों ने तहसील कार्यालय में घुसकर राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद से घाटी में तनाव का माहौल है। लश्कर से जुड़े संगठन कश्मीर टाइगर्स ने हत्या की जिम्मेदारी ली है।
Mass resignation by Kashmiri Pandits working on PM package. pic.twitter.com/UOusaRhdtN
— Sagrika Kissu (@SagrikaKissu) May 13, 2022
राहुल भट्ट को विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए विशेष रूप से शुरू किए गए रोजगार कार्यक्रम के तहत नौकरी मिली थी। वह चदूरा में तहसील कार्यालय में काम करता था। गोली लगने के बाद राहुल भट को श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शाम करीब साढ़े चार बजे लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी तहसील कार्यालय में घुसे, राहुल भट को गोली मार दी और मौके से फरार हो गए। राहुल भट्ट पिछले आठ साल से वहां काम कर रहा था। राहुल भट के परिवार में उनकी पत्नी, उनका पांच साल का बेटा और पुलिस से सेवानिवृत्त पिता शामिल हैं।
राहुल भट की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने गुरुवार रात जम्मू-श्रीनगर हाईवे और बारामूला-श्रीनगर हाईवे को जाम कर दिया. उन्होंने राहुल भट्ट के शव को सड़क पर रख दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कश्मीरी पंडित मांग कर रहे हैं कि उनका तबादला जम्मू कर दिया जाए क्योंकि वे अब बिना सुरक्षा के दफ्तर नहीं जाएंगे।
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