भूख वाले झूठ…..!

सिंघई संजय जैन।
हंगामा कटा हुआ है के हाय हाय भारत में भूख से बदतर हाल है लगातार हम ग्लोबल हंगर इंडेक्स में नीचे आरहे हैं…

एक तरफ अगर 20 सालों की बात की जाए भारत ने अपनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बेहद मज़बूत किया है…
पिछले आठ सालों में गरीबी उन्मूलन पर अच्छा और तेज़ काम हुआ है और कोविड आपदा के बाद से तो मुफ्त अनाज के वितरण ने लोगों के बच्चों के साथ जानवरों के पेट भरने को भी अनाज उपलब्ध करवाया है….
भारत आधी दुनिया को अनाज निर्यात करता है और हमारे गोदामों में अनाज भरा पड़ा है…
हम ब्रिटेन को अर्थव्यवस्था के तौर पर पीछे छोड़ चूके हैं, हमारी प्रगति दर बेहतरीन है, विदेशी मुद्रा भंडार भारत की देनदारियों से कहीं ऊपर है….

इसके बाद भी वो कौन लोग हैं जो देश में भूखों मर रहे हैं…… और ये आपको अपने आसपास दिखते क्यों नहीं… आखिर ये यूरोप में बैठे लोग क़िस दूरबीन से देख रहे हैं इन भूंखे लोगों को जो हमको न दिखते…..
क्या आप किसी ऐसे सर्वे का हिस्सा बने जिसमें #ग्लोबलहंगरइंडेक्स वाले आपसे जानकारी जुटाने आये हों?…….
आखिर इनके आंकड़ों का आधार क्या है?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स या GHI को जारी करने का काम करते हैं दो यूरोप के NGO….. जी हाँ NGO…. कोई UN या किसी सरकार का ये काम नहीं
पहला NGO है #Concern_Worldwide ये आयरलैंड में है अमेरिकन मिल्कीयत वाला और दूसरा #Welt_Hunger_Hilfe ये जर्मनी का है….
इन दौनो का न भारत से कोई लिंक न इनका यहाँ कुछ भी काम जमीन पर….
इन्होने अपने काम के लिए भारत में अपने दो पालतू रख छोड़े हैं…
पहला है एक NGO #GiveIndia इसका कर्ता धर्ता मारता सब है बंगलौर का #अतुल_सतीजा…
अब ये अतुल सतीजा कौन है….. भाई ये वही गौरी लंकेश वाली गैंग के बड़े वाले मेंबर हैं साहब जिन्ह हम #अर्बन_नक्सल के तौर पर जानते हैं धुर वामपंथी …. जो JNU में “भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जारी अब” जैसे नारे लगाते हैं
ये अतुल सतीजा आम आदमी पार्टी का उस्ताद टाइप भी है और पंजाब सरकार इसके NGO पर काफ़ी मेहरबान है आजकल….

दूसरे पालतू NGO का नाम है #Help_Age_India
और इसका माई बाप कौन…. #मदनमोहनसबरवाल… दिल्ली से ये अपनी दुकान चलाते हैं
गाँधी परिवार के बेहद करीबी चमचे रहे हैं और जब केंद्र में UPA सरकार थी 2014 से पहले इनका जलवा था….. इनको इनकी मालकिन ने पद्मश्री से नवाज़ा था, मोदी से इन्ह सख्त दर्द है…. कई आर्थिक अनियमितताओं की जाँच के दायरे में हैं

Concern Worldwide/Welt Hunger Hilfe पर राजनैतिक लाभ के लिए कई देशों की सरकारों के खिलाफ़ झूठ फैलाने के आरोप पहले भी लगे हैं और कई देश इनके आंकड़ों को मान्यता नहीं देते
2016 में इनके कर्मचारियों पर ऐसे ही एक मामले में सख्त कार्यवाही भी हो चुकी है, 2021 में भी ऐसा ही एक मामला इनके खिलाफ़ प्रकाश में आचूका है…. आप गूगल की कृपा से ये ढूंढ़ कर पढ़ सकते हैं…

तो भाई लोग जो श्रीलंका हमारी मदद पर जिंदा है, जो अफगानिस्तान हमारे दान के गेंहू खा रहा है
उनसे ज्यादा अगर भारत में भुखमरी है तो नज़र क्यों नहीं आती….
और हमें नज़र नहीं आती तो इन NGO को कैसे और कहाँ दिखती है…

क्या वामपंथी विचारों से ओतप्रोत भारतीय NGO और दुनियाँ को अपने हिसाब से चलाने की ज़िद पाले यूरोप के संस्थान मिलकर भारत के लिए दुनिया में झूठ तो नहीं फैला रहे….

सच आप अपनी समझ से समझें…. काहे के समझ समझना भी वाकई समझ है!!!
🤔

Comments are closed.