भारत में जल्द दौड़ेंगी हाइड्रोजन कार, एक किलो में 400KM का माइलेज- नितिन गडकरी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2नवंबर। हाइड्रोजन कार को लेकर नितिन गडकरी ने अहम और बड़ा बयान दिया है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में जल्दी ही वो दिन आने वाला है, जब सड़कों पर हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियाँ दौड़ते हुए नज़र आयेंगी. आम लोगों को बहुत जल्दी ही हाइड्रोजन कारें मिलने लगेंगी. Zee Auto Awards 2022 में शिरकत करने के दौरान अपनी स्पीच में नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्रीय सरकार अब लगातार इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली कारों की बढ़ने पर ध्यान दे रही है. पूरा जोर है कि अधिक से अधिक लोगों तक इसकी पहुंच बढ़ाई जाए. नितिन गडकरी भारत की पहली हाइड्रोजन कार में सफर करके Zee Auto Awards 2022 में शामिल होने पहुंचे.

इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि जल्दी ही भारत में हाइड्रोजन कारों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाएगी. इसकी प्रक्रिया तक शुरू हो चुकी है. भारत में डेढ़ से दो साल में लोग हाइड्रोजन कार चलना शुरू हो जाएँगी. गडकरी ने कहा कि हमारी कोशिश कि 80 रुपए किलो हाइड्रोजन लोगों को मिल सके. 1 किलो हाइड्रोजन में कार 400 किलोमीटर चल सकेगी. अभी भारत में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की खपत इतनी हो चुकी है कि कई वाहनों की एक से डेढ़ साल की वेटिंग हो चुकी है.

नितिन गडकरी ने कहा कि जिससे प्रदूषण होता है, वही चीज़ इसका इलाज भी है. पराली से ईंधन बनाया जा रहा है, जो हाइड्रोजन कार में इस्तेमाल हो सकेगा. उन्होंने कहा कि भी हाइड्रोजन तीन तरीके से बन रहा है. Black hydrogen जो कोयले से बनता है. Brown hydrogen पेट्रोलियम से बनता है. जबकि तीसरा ऑप्शन Green hydrogen है, ये हाइड्रोजन मुनिसिपल वेस्ट, सीवेज वॉटर या पानी से बनाया जा सकता है.
नितिन गडकरी ने प्लान बताते हुए कहा कि “हम घरों से निकलने वाले कचरे से, जिसे नगर पालिका द्वारा एकत्रित किया जाता है, उससे ग्रीन फ्यूल बनाना चाहते हैं. हम ईंधन आयात नहीं, बल्कि निर्यात करना चाहते हैं. हम खेती के वेस्ट से भी एनर्जी बना सकते हैं. इसके लिए हमें इलेक्ट्रोलाइजर चाहिए जो भारत दुनिया में सबसे ज्यादा बनाता है. वो 1.25 से 1.5 करोड़ का बनता है. इसका काम है ऑक्सीजन अलग कर हाइड्रोजन बनाना. इसके लिए हमें जेनरेटर चाहिए जो अब इथेनॉल फ्यूल बेस्ड बना दिया गया है. किर्लोस्कर ने इसे कम लागत में बना दिया है.”

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