‘मैं मोदी को गले लगाना चाहता हूं…’ – कौन हैं मौलाना साजिद रशीदी, जिन्होंने BJP को वोट देने का किया खुला ऐलान?

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6 फरवरी।
भारतीय राजनीति में धर्म और विचारधाराओं को लेकर अक्सर चर्चाएं होती रहती हैं, लेकिन जब कोई मुस्लिम धर्मगुरु खुलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का समर्थन करता है, तो यह स्वाभाविक रूप से सुर्खियों में आ जाता है। हाल ही में मौलाना साजिद रशीदी ने BJP को वोट देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा, “मैं मोदी को गले लगाना चाहता हूं…” इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर मौलाना साजिद रशीदी कौन हैं और उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया?

कौन हैं मौलाना साजिद रशीदी?

मौलाना साजिद रशीदी एक प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान और अखिल भारतीय इमाम संघ के अध्यक्ष हैं। वे अक्सर धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखते हैं। खासतौर पर मुस्लिम समाज से जुड़े मामलों पर उनके बयान सुर्खियों में रहते हैं।

पिछले कुछ सालों में उन्होंने कई बार विवादास्पद मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सीधे BJP को समर्थन देने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपने सम्मान को व्यक्त करने का साहसिक कदम उठाया है।

BJP को समर्थन देने की वजह क्या है?

मौलाना साजिद रशीदी ने BJP को वोट देने के अपने फैसले को लेकर कई तर्क दिए हैं:

  1. मोदी सरकार की योजनाएं – उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई ऐसी योजनाएं चलाई हैं, जिनका फायदा मुस्लिम समाज को भी मिला है, चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो, उज्ज्वला योजना हो या जनधन योजना।
  2. सुरक्षा और विकास – उनका मानना है कि देश की आर्थिक और सैन्य स्थिति मजबूत हुई है और इससे सभी नागरिकों को लाभ हो रहा है।
  3. धार्मिक सद्भावना – उन्होंने कहा कि “मोदी सरकार ने कभी मुस्लिम समाज के खिलाफ कोई गलत नीयत नहीं रखी”, बल्कि सबका साथ, सबका विकास की नीति पर काम किया।
  4. राजनीतिक ध्रुवीकरण से परे – मौलाना ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि मुसलमानों को ‘वोट बैंक’ की राजनीति से बाहर आकर राष्ट्रहित में निर्णय लेना चाहिए।

‘मोदी को गले लगाने’ वाला बयान क्यों दिया?

मौलाना साजिद रशीदी ने न केवल BJP को समर्थन देने की बात कही, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि “मैं मोदी को गले लगाना चाहता हूं।” यह बयान भावनात्मक और प्रतीकात्मक दोनों रूप में देखा जा सकता है।

  • उनका यह कहना दर्शाता है कि वे PM मोदी की नीतियों को व्यक्तिगत रूप से स्वीकार कर रहे हैं
  • यह मुस्लिम समाज और BJP के बीच भरोसे को मजबूत करने का संदेश भी हो सकता है।
  • यह विपक्षी पार्टियों के लिए भी एक बड़ा संकेत है कि मुस्लिम मतदाता अब पारंपरिक राजनीति से अलग जाकर नई सोच के साथ निर्णय ले सकते हैं

मुस्लिम समाज में BJP की स्वीकार्यता बढ़ रही है?

पिछले कुछ वर्षों में BJP ने मुस्लिम समाज तक अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कई मौकों पर कह चुके हैं कि पार्टी किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि सबका विकास चाहती है।

BJP ने कई राज्यों में मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनाव प्रचार तेज किया है और पसमांदा मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। अब मौलाना साजिद रशीदी जैसे धर्मगुरु का समर्थन BJP के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है

क्या यह मुस्लिम राजनीति में बड़ा बदलाव है?

मौलाना साजिद रशीदी का BJP को समर्थन देना यह दर्शाता है कि मुस्लिम राजनीति में भी बदलाव आ रहा है। जहां पहले यह समुदाय पारंपरिक रूप से कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP) जैसी पार्टियों को समर्थन देता था, वहीं अब एक नया राजनीतिक सोच विकसित हो रही है

BJP भी यह समझ रही है कि अगर उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में और मजबूत स्थिति में आना है, तो उसे हर समुदाय का समर्थन प्राप्त करना होगा

निष्कर्ष

मौलाना साजिद रशीदी द्वारा BJP को वोट देने की घोषणा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने की इच्छा ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह सिर्फ एक व्यक्ति का बयान नहीं, बल्कि एक बड़े राजनीतिक और सामाजिक बदलाव का संकेत हो सकता है

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