समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 फरवरी। पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए जारी घमासान के बीच पार्टी सेफ गेम खेल सकती है। इसमें चरणजीत चन्नी और पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू को ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जा सकता है। हालांकि, सरकार बनने के बाद पहले मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला चुनकर आए पार्टी विधायक करेंगे। दरअसल, पंजाब चुनाव में वोट बैंक का गणित ऐसा है कि कांग्रेस किसी एक का नाम लेकर रिस्क नहीं ले सकती।
कांग्रेस आज घोषित करेगी मुख्यमंत्री उम्मीदवार
पंजाब में कांग्रेस कल (रविवार) को मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करेगी। इसके लिए राहुल गांधी लुधियाना आएंगे। वे लुधियाना से वर्चुअल रैली के जरिए दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री फेस का ऐलान करेंगे। राहुल की वर्चुअल रैली को पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा।
चन्नी नहीं बने तो होगा भारी नुकसान
चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री चेहरा नहीं बनाने पर कांग्रेस को सीधे 32 फीसदी दलित वोट बैंक का नुकसान होगा। अगर कांग्रेस ने चन्नी का साथ छोड़ा तो दलितों के बीच गलत संदेश जाएगा। इससे लगेगा कि कांग्रेस ने चन्नी को सिर्फ वोट बटोरने के लिए ही कामचलाऊ मुख्यमंत्री बना रखा था। कांग्रेस अभी चन्नी के 111 दिन के कामकाज पर ही वोट मांग रही है। इससे पहले साढ़े 4 साल की सरकार वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ गठजोड़ कर चुके हैं। अगर चन्नी ही चेहरा नहीं होंगे तो कांग्रेस किस आधार पर वोट मांगेगी।
पंजाब में नवजोत सिद्धू कांग्रेस के लिए बड़ा चेहरा
पंजाब में नवजोत सिद्धू कांग्रेस के लिए बड़ा चेहरा हैं। सिद्धू पर दांव खेलकर ही कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन ली। सिद्धू के कहने पर ही कई सीटों पर टिकटें दी गईं। नवजोत सिद्धू को नजरअंदाज कर पंजाब में सीधे 19 फीसदी जट्टसिख वोट बैंक का नुकसान होगा। कांग्रेस यह संदेश नहीं देना चाहती कि वह पंजाब में सिर्फ दलितों पर ही दांव खेल रही है। इससे 69 सीटों वाले सबसे बड़े मालवा क्षेत्र में कांग्रेस का बड़ा नुकसान होगा। कांग्रेस के लिए पंजाब में दलित और जट्टसिख वोट बैंक जरूरी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू वोट बैंक में कांग्रेस को बड़ी मुश्किल हो रही है। उनके बड़े हिंदू चेहरे सुनील जाखड़ प्रचार से दूर हैं।
अमरिंदर के जाने के बाद से ही खींचतान जारी
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई के बाद कांग्रेस में खींचतान मची हुई है। ऐसे में किसी एक चेहरे को आगे करना कांग्रेस के लिए पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। अब ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले के बाद नवजोत सिद्धू और चरणजीत चन्नी अपने समर्थक उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरा जोर लगाएंगे, ताकि वह पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच सकें। इससे कांग्रेस पूरा जोर लगाएगी कि सत्ता में वापसी की जा सके। पहले किसे मुख्यमंत्री बनाना है, इसकी चाबी कांग्रेस हाईकमान के पास ही रह जाएगी। कांग्रेस में यही परंपरा रही है।
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