अगर नीतीश कुमार फिर से NDA में आते हैं तो क्या गारंटी है कि लोकसभा चुनाव के बाद फिर से उधर नहीं जाएंगे:उपेंद्र कुशवाहा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26 जनवरी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से NDA के साथ आने की चर्चा के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजग की सहयोगी राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि अगर नीतीश कुमार फिर से NDA में आते हैं तो क्या गारंटी है कि लोकसभा चुनाव के बाद फिर से उधर नहीं जाएंगे?

‘विचार करने की जरूरत’
कुशवाहा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि नीतीश कुमार वहां परेशान हैं और निकलना चाहते हैं. जैसी बातें सामने आ रही है, उसके मुताबिक अगर ऐसा हो भी जाए कि वे NDA के साथ आ जाएं तो वे फिर वापस नहीं जाएंगे, कौन जानता है. इस पर आकलन करने और विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद वे फिर वापस चले जाएं, तो इसकी क्या गारंटी है. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि एनडीए के घटक दलों को कोई परेशानी नहीं है, परेशानी नीतीश कुमार जी की रहेगी, इधर रहें या उधर रहें.

28 को इस्तीफा सौंपेंगे नीतीश कुमार?
उधर, सूत्रों के मुताबिक खबर है कि 28 जनवरी को दोपहर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेगे और इसी दिन शाम को वह सरकार भी बनाएंगे. माना जा रहा है कि वह जल्द ही आठवीं बार बतौर मुख्यमंत्री शपथ लेंगे. वहीं, RJD सांसद मनोज झा का कहना है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सीएम वर्तमान में मौजूद इस संदेह का खंडन करेंगे और बिहार उत्पादक राजनीति का हिस्सा बना रहेगा. ‘राजनीति में दरवाजे स्थायी रूप से बंद नहीं होते’

‘राजनीति में दरवाजे हमेशा के लिए बंद नहीं होते’
कयासों के बीच भारतीय जनता पार्टी के भी इसे लेकर बड़ा हिंट दिया है. भारतीय जनता पार्टी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजनीति में किसी के लिए दरवाजे कभी भी स्थायी रूप से बंद नहीं होते हैं. सुशील मोदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘जहां तक नीतीश कुमार या JDU का सवाल है, राजनीति में दरवाजे कभी भी स्थायी तौर पर बंद नहीं होते हैं. समय आने पर बंद दरवाजे खुलते हैं, लेकिन दरवाजे खुलेंगे या नहीं, यह हमारे केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है.’

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