समग्र समाचार सेवा
जम्मू कश्मीर, 16 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जो लोग समाज को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, देश को उनसे अवश्य निपटना चाहिए. भागवत ने यहां संघ के स्वयंसेवकों की एक सभा को संबोधित करते हुए अहिंसक, करूणावान, लचीलेपन और सुदृढ़ होने के महत्व पर भी बल दिया. संघ प्रमुख ने कहा, दुनिया में कमजोरों को क्रूरों से बचाना है तो हाथों में हथियार रखना ही होगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में राष्ट्र में सभी की सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है.
संघ प्रमुख ने अहिंसा पर बल दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि जो लोग समाज और राष्ट्र को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं या तोड़ना चाहते हैं, उनसे निपटने के लिए जो भी तरीका जरूरी हो, उसे अपनाना ही होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह गरीबों की मदद के लिए पैसा दान किया जाता है उसी तरह कमजोरों की रक्षा के लिए शक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए.
भागवत ने कहा, गरीबों की मदद के लिए पैसे दान में दिये जाते हैं तथा कमजोरों की मदद के लिए शक्ति का उपयोग किया जाता है. समाज और राष्ट्र के परिप्रेक्ष्य में यह भाव सभी के दिमाग में डाल दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ये ऐसे मूल्य हैं जो हमारे धर्म में समाहित हैं. उसमें कोई दो राय नहीं है. उन्होंने कहा कि लेकिन जहां कमजोर को क्रूर से बचाने की जरूरत हो तो व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से ताकत के इस्तेमाल के लिए बिल्कुल तैयार रहना चाहिए.
संघ प्रमुख ने कहा, दुनिया में कमजोरों को क्रूरों से बचाना है तो हाथों में हथियार रखना ही होगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में राष्ट्र में सभी की सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है. भागवत ने कठुआ चौक पर जनसंघ संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी और एक मंदिर में पूजा-अर्चना की. वह शहर के बाहरी इलाके जाखुद गये और भारत माता की प्रतिमा का अनावरण किया.
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