एजेंटों से रेल टिकट बुक करवा रहे है तो रूकिए सावधान, पहले जानिएं फर्जी वेबसाइट वाले दलाल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11नवंबर।
त्योहारों के कारण स्पेशल ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट है। ऐसे में रेलवे का सॉफ्टवेयर हैक कर फर्जी ई-टिकट जारी करने का धंधा थम नहीं पा रहा। कुछ दलाल इसका फायदा उठाकर रेल यात्रियों को ठग रहे हैं। एक ही आईडी से कई टिकट निकालकर उनका मनमाना दाम वसूला जा रहा है। वहीं सुनने को मिला है कि दलालों ने एक नया तरीका भी ईजाद किया है। रेलवे या आईआरसीटीसी के अधिकृत पोर्टल से मिलती जुलती वेबसाइट बनाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा है।

आरपीएफ के मुताबिक एक सप्ताह में ऐसे आठ फर्जी पोर्टल पकड़े गए हैं। गजब यह है कि यह फर्जी पोर्टल अधिकृत पोर्टल से कुछ तेज कार्य करते हैं, जिसका सहारा लेकर दलालों का धंधा फल फूल रहा है। आईआरसीटीसी की ओर से निजी आईडी बनाकर रेल टिकट बुक करने की सुविधा इसलिए है जिससे आपको भीड़ से छुटकारा मिले, लेकिन कुछ लोग इस आईडी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

आरपीएफ ऐसे दलालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। यदि आपने भी आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर पर्सनल आईडी बनाकर रेल टिकट बेचने वाले एजेंटों से टिकट बुक कराई है तो सावधान हो जाएं। इस प्रकार के टिकट के लिए न सिर्फ यात्रियों से ज्यादा कीमत वसूली जाती है। इसके अलावा यात्री इन टिकटों पर सफर नहीं कर पाएंगे, क्योंकि आरपीएफ उन्हें फौरन रद्द करवा देगी। ऐसे में टिकट बुक करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि पीआरएस काउंटर या आरसीटीसी की अधिकृत वेबसाइट से ही टिकट खरीदें।

बताते चलें कि दलाल सिर्फ मंहगा टिकट बेचकर ही संतुष्ट नहीं है, बल्कि तत्काल बुकिंग सेवा पर भी सेंध लगा रहे हैं। आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अभय प्रताप का कहना है कि फर्जी वेबसाइट के जरिए कुछ एजेंट तत्काल बुकिंग में मिलने वाले टिकटों को भी बुक करा रहे हैं और फिर उन्हें बेच देते हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि फर्जी वेबसाइट बनाकर काउंटर पर लगने वाले समय से कम समय में ही ये दलाल टिकट बुक करने में कामयाब हो रहे हैं। हालांकि मुरादाबाद मंडल में इस प्रकार के मामले अभी बेहद कम हैं। असिस्टेंट कमांडेंट ने बताया कि मंडल में फर्जी वेबसाइट के आठ मामले पकड़े गए हैं।

बता दें कि हाल ही में आरपीएफ की टीम ने मुरादाबाद मंडल के अमरोहा रेलवे स्टेशन के पास नौगांवा सादात रोड पर लईक इंटरप्राइसेस से एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरपीएफ की टीम के मुताबिक फर्जी एजेंट ने एक आईडी से 15 से भी ज्यादा टिकटें निकालकर उन्हें बेच दिया। आरोपी पर रेलवे एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की गई है।

वहीं दूसरी तरफ रेल मंडल के जिला रामपुर में टांडा के पास से गुप्ता पुस्तक भंडार के स्वामी को गिरफ्तार किया गया है। यह युवक अवैध तरीके से टिकटों की बिक्री कर रहा था और यात्रियों से मनमाना दाम वसूल रहा था। आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एपी सिंह ने बताया कि संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल भेजा चुका है।

इसी तरह कुंदरकी में एक छोटी सी दुकान में जनसेवा केंद्र चलाने वाले युवक ने अपनी निजी आईआरसीटीसी आईडी से कई टिकट निकालकर मंहगे दामों में बेचे। सूचना पाकर जीआरपी ने मौके पर पहुंचकर युवक को गिरफ्तार कर लिया। असिस्टेंट कमांडेंट का कहना है कि मंडल में रोजाना दो या तीन मामले पकड़े जा रहे हैं। ऐसे दलालों पर अंकुश लगाने के लिए साइबर एक्सपर्ट्स की सहायता ली जा रही है।

वहीं उत्तर रेलवे के सहायक वणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि फर्जी टिकटों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए मंडल में अभियान चलाया जा रहा है। रेलवे एक्ट 1989 की धारा 143 के अंतर्गत टिकट दलाली करने पर तीन साल की कैद और दस हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। आरपीएफ की टीम के साथ मिलकर लगातार ऐसे लोगों को दंडित किया जा रहा है। मंडल में यह अभियान 20 नवंबर तक चलाया जाएगा।

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