समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 अप्रैल। विश्व बैंक के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी वर्ष 2022 के लिए भारत के विकास दर अनुमान को घटा दिया है। मंगलवार को आईएमएफ की तरफ से जारी रिपोर्ट में इस वर्ष के लिए भारत की इकोनोमी में 8.2 फीसद की वृद्धि दर होने का अनुमान लगाया है। पहले 9 फीसद वृद्धि दर का अनुमान था।
चीन के मुकाबले तकरीबन दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ेगी
हालांकि नए आकलन में वृद्धि दर की रफ्तार घटने के बावजूद भारतीय इकोनोमी चीन के मुकाबले तकरीबन दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ेगी। आइएमएफ ने इस वर्ष चीन की इकोनोमी की वृद्धि दर 4.4 फीसद रहने की बात कही है। वैश्विक इकोनोमी की वृद्धि दर अनुमान को भी आइएमएफ ने 6.1 फीसद से घटा कर 3.6 फीसद कर दिया है।
विश्व बैंक ने भी अर्थव्यवस्था को लेकर अपने अनुमानों को घटा दिया
विश्व बैंक ने भी पिछले हफ्ते भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अपने अनुमानों को घटा दिया था। आईएमएफ की रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2023 में भारत की विकास दर घट कर 6.9 फीसद पर आ जाएगी। जबकि वर्ष 2021 में देश की विकास दर 8.9 फीसद रही थी। दो अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से विकास दर अनुमान घटाने का साफ मतलब है कि यूक्रेन-रूस युद्ध का दुनिया भर में बहुत ही उल्टा असर होने वाला है।
खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी वृद्धि बताई वजह
आईएमएफ ने यह बात भी कही है। इसने यूक्रेन-रूस के अलावा खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी वृद्धि को भी एक बड़ी वजह बताया है। अगर विकास दर अनुमान में गिरावट के लिहाज से देखें तो आइएमएफ ने जापान और भारत के लिए ही इतनी ज्यादा गिरावट की बात कही है। इन दोनो देशों की इकोनोमी में पेट्रो उत्पादों का बड़ा हिस्सा है और इसके लिए ये अधिकांश तौर पर आयात पर निर्भर है।
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