समग्र समाचार सेवा
लखनऊ , 17 अगस्त। अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। तालिबानी समर्थकों और आंतकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए योगी सरकार ने सहारनपुर के देवबंद में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (ATS) कमांडो सेंटर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए 2 हजार वर्ग मीटर जमीन भी अलॉट हो गई है।
इस सेंटर में 12 से ज्यादा ATS अफसरों की तैनाती की जाएगी और यहां बड़ी संख्या में ATS कमांडों भी तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ये जानकारी दी। देवबंद इस्लामी शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। यही कारण है कि विपक्ष ने सरकार के इस फैसले को राजनीतिक करार दे डाला। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रही है।
क्या बोले सपा नेता ?
राम गोविंद चौधरी ने कहा, ‘वहां पर धार्मिक शिक्षा दी जाती है। सरकार उनको डराने के लिए ऐसा कर रही है। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। बोले, ‘यह पुराना कानून है, इंदिरा गांधी ने लागू किया था। तब इमरजेंसी के दौरान उन्होंने इसे लागू किया था और अब बगैर इमरजेंसी के लागू किया जा रहा है। जैसे कांग्रेस का इस कानून ने सफाया किया, वैसे ही इनका भी सफाया होगा। चौधरी ने अफगानिस्तान में तालिबान को लेकर कहा कि ये ठीक नही है।
लखनऊ और नोएडा में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर का काम जारी
देवबंद से पहले लखनऊ और नोएडा में एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। लखनऊ में अमौसी और नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास यह सेंटर बनेंगे। दोनों जगहों पर जमीन फाइनल हो चुकी है। आर्मी और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी के अफसरों की निगरानी में यहां कमांडो तैयार किए जाएंगे। इन्हें हर वह चीज सिखाई जाएंगी जो आतंकी हमलों के दौरान बचाव-राहत में इस्तेमाल की जाती है।
तालीबान की बर्बरता के बीच यूपी की खबर भी सुनिए,योगीजी ने तत्काल प्रभाव से ‘देवबंद’ में ATS कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है,युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है,प्रदेश भर से चुने हुए करीब डेढ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी। pic.twitter.com/cBcFqwEtYK
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) August 17, 2021
एटीएस सेंटर के लिए देवबंद ही क्यों?
22 फरवरी-2019 में यूपी एटीएस ने देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक को गिरफ्तार किया था। खुलासा हुआ कि दोनों आतंकियों को पुलवामा हमले की पहले से खबर थी। इससे पहले भी यहां बांग्लादेशी, आईएसआई एजेंट पकड़े जा चुके हैं। देवबंद से 30 किलोमीटर दूर ही सहारनपुर है।
सहारनपुर में करीब 8 से ज्यादा बार आतंकी और आईएसआई एजेंटों की गिरफ्तारी हो चुकी है। देवबंद में 300 से ज्यादा मदरसे हैं। दारूल उलूम होने की वजह से देश-दुनिया के स्टूडेंट्स शिक्षा लेने यहां आते हैं। इल्म की नगरी कहा जाने वाला देवबंद दूर-दूर तक जाना जाता है। हालांकि, पिछले कुछ समय से इसका नाम कट्टरवाद, फतवों और आतंकी गतिविधि से जुड़े लोगों को पनाह देने में जुड़ रहा है। इस वजह से उप्र सरकार ने देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर बनाने का फैसला लिया है।
पश्चिमी यूपी में होंगे दो कमांडो सेंटर
देवबंद के इस कमांडो सेंटर से देवबंद, सहारनपुर, मेरठ तक का एरिया कवर हो सकेगा। मेरठ में भी एटीएस की स्वात टीम पहले से तैनात है। हालांकि, टीम में संख्या काफी कम है। इसके अलावा एटीएस की एक टीम नोएडा में हर वक्त रहती है। नोएडा और देवबंद में एटीएस के दो कमांडो सेंटर बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पूरा एरिया कवर हो जाएगा।
कांग्रेस-सपा ने साधा निशाना
देवबंद में ATS कमांडो सेंटर खोलने के ऐलान पर कांग्रेस-सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस के MLC दीपक सिंह ने कहा कि अब BJP सरकार के जाने का समय है। इसलिए जनता को दिखाने के लिए कानून व्यवस्था सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
सपा के MLC सुनील साजन ने सरकार के इस फैसले को नौटंकी करार दिया। कहा, नाकामियों को छिपाने के लिए सरकार चाहे जितनी नौटंकी कर ले। अब दोबारा आने वाली नहीं है। बेरोजगारी चरम पर है। महंगाई लगातार बढ़ रही है।
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