इम्तियाज जलील की तिरंगा संविधान रैली: औरंगाबाद से मुंबई तक न्याय की मांग

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24 सितम्बर। महाराष्ट्र में औरंगाबाद से मुंबई तक निकली गई “तिरंगा संविधान रैली” हाल के दिनों में सुर्खियों में है। इस रैली का नेतृत्व एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन) के नेता और औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील ने किया। इस रैली का मुख्य उद्देश्य रामगिरी महाराज और बीजेपी नेता नितेश राणे की गिरफ्तारी की मांग करना था।

रैली का उद्देश्य

इम्तियाज जलील की इस तिरंगा संविधान रैली के पीछे मुख्य मुद्दा रामगिरी महाराज और नितेश राणे द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ बयान थे। जलील ने आरोप लगाया कि इन बयानों ने समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने का काम किया और उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार इन दोनों नेताओं पर कार्रवाई करे।

रैली में भाग लेने वालों का कहना है कि संविधान के प्रति सम्मान और तिरंगे के सम्मान को बनाए रखने के लिए वे सड़कों पर उतरे हैं। रैली का मकसद न केवल इन दोनों नेताओं की गिरफ्तारी सुनिश्चित करना था, बल्कि देश में संविधान की मूल भावनाओं और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने की मांग भी थी।

रैली का सफर

रैली की शुरुआत औरंगाबाद से हुई और यह महाराष्ट्र के कई प्रमुख शहरों और कस्बों से गुजरती हुई मुंबई पहुंची। रास्ते में इस रैली को बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिला, जिन्होंने तिरंगा लेकर संविधान की रक्षा के लिए अपनी एकजुटता दिखाई। रैली में लोग संविधान की प्रति लेकर चले और तिरंगे के नीचे न्याय की मांग की।

रैली का शांतिपूर्ण ढंग से संचालन किया गया, जिसमें जलील और उनके समर्थकों ने सरकार से अपील की कि वे जल्द से जल्द रामगिरी महाराज और नितेश राणे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।

इम्तियाज जलील का बयान

रैली के दौरान इम्तियाज जलील ने कहा, “हमारे देश का संविधान सभी नागरिकों को समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। लेकिन कुछ लोग भड़काऊ बयान देकर समाज में अस्थिरता और नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। हम यह मांग करते हैं कि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि देश में शांति और सद्भाव बना रहे।”

जलील ने यह भी स्पष्ट किया कि यह रैली किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं है, बल्कि संविधान और तिरंगे का सम्मान बनाए रखने के लिए है। उन्होंने कहा कि यह रैली देश में एकता और भाईचारे का संदेश देने के लिए है और वे चाहते हैं कि इस तरह के सांप्रदायिक बयानबाजी पर रोक लगे।

राजनीतिक माहौल

महाराष्ट्र में यह रैली ऐसे समय में हो रही है, जब राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और ध्रुवीकरण के मुद्दे गरमाए हुए हैं। नितेश राणे, जो बीजेपी के नेता हैं, और रामगिरी महाराज, एक प्रभावशाली धार्मिक नेता, के खिलाफ कार्रवाई की मांग ने राजनीतिक दलों के बीच एक नई बहस छेड़ दी है।

बीजेपी ने इस रैली को राजनीतिक स्टंट करार दिया है, जबकि एआईएमआईएम और इम्तियाज जलील के समर्थकों का कहना है कि यह रैली पूरी तरह से संविधान की रक्षा के लिए है।

निष्कर्ष

इम्तियाज जलील की तिरंगा संविधान रैली ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई चर्चा छेड़ दी है। रैली का संदेश साफ था: समाज में शांति, भाईचारा और संविधान की गरिमा को बनाए रखना। अब यह देखना होगा कि महाराष्ट्र सरकार इस मांग पर क्या कदम उठाती है और क्या रामगिरी महाराज और नितेश राणे के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं।

Comments are closed.