समग्र समाचार सेवा
पटना, 28 जून: बिहार में विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी बीच चुनाव आयोग की विशेष टीम राज्य में डटी हुई है और 2003 के बाद पहली बार मतदाता सूची के विशेष और गहन संशोधन अभियान ने सियासी हलचल बढ़ा दी है।
वोटर लिस्ट रिवीजन पर प्रशांत किशोर का सवाल
जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा में भी ऐसा ड्राइव चला और परिणामों पर सवाल खड़े हुए। किशोर ने कहा कि “चुनाव से तीन महीने पहले इस तरह का ड्राइव क्यों? आयोग को जनता को यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है और किसी वर्ग के वोट न तो हटाए जाएं और न ही जोड़े जाएं।”
तेजस्वी यादव की ‘कलम यात्रा’ पर तंज
हाल ही में तेजस्वी यादव ने पटना में छात्र संसद में छात्रों को ‘कलम’ बांटकर शिक्षा सुधार का संदेश दिया। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि “कलम बांटने से भला नहीं होगा, ज्ञान बांटिए, रोजगार दीजिए। 15 साल तक आरजेडी की सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद किया। तेजस्वी खुद तीन साल डिप्टी सीएम रहे, क्या सुधार हुआ?” किशोर ने आरोप लगाया कि वोट बटोरने के लिए प्रतीकात्मक चीजें बांटी जा रही हैं, पर बदलाव जमीन पर दिखना चाहिए।
‘जंगलराज’ पर बोले प्रशांत किशोर
तेजस्वी यादव द्वारा बार-बार ‘जंगलराज’ शब्द के इस्तेमाल पर किशोर ने कहा कि यह कोई राजनीतिक जुमला नहीं, बल्कि सच्चाई है। “90 के दशक के अंत तक बिहार में हत्या, अपहरण, रंगदारी चरम पर थी। अगर तेजस्वी उस दौर को सुशासन कहते हैं, तो जनता को समझ लेना चाहिए।”
नीतीश कुमार को लेकर भी बड़ा बयान
नीतीश कुमार की वर्तमान स्थिति पर प्रशांत किशोर ने कहा कि अब उनमें न नेतृत्व क्षमता बची है, न ऊर्जा। “जो व्यक्ति मंच से प्रधानमंत्री का नाम भूल जाए, वह बिहार जैसे राज्य को कैसे संभालेगा?” किशोर ने आरोप लगाया कि भाजपा की राजनीतिक मजबूरी के कारण नीतीश अब भी सीएम बने हुए हैं। “नीतीश न सरकार चला रहे हैं, न पार्टी, सब कुछ भाजपा और अमित शाह देख रहे हैं,” प्रशांत किशोर ने कहा।
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