केरल में बकरीद में दी गई ढ़ील के कारण बढ़े कोरोना के मामलें, लेकिन विपक्षी दलों नें साधी चुप्पी!

स्निग्धा श्रीवास्तव 
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29जुलाई। अभी पिछलें हफ्ते की ही बात जब यूपी की योगी सरकार नें सावन मास में भक्तों के लिए कांवड यात्रा को मंजूरी दी थी। लेकिन कोरोना के मामलें ना बढ़ें,  इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर योगी सरकार ने कांवड यात्रा पर रोक लगा दिया। इतना ही नही,  देश के कई राज्य जहां कांवड यात्रा श्रद्धालु बडे़ं ही धूमधाम से निकालते है, भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव के मंदिर में जल अर्पित करते है। वहां पर भी कांवड़ यात्रा को लेकर सख्त पाबंदी लागू की गई।

अब ठीक इसी बीच, केरल में राज्य सरकार बकरीद के त्योहार तमाम ऐसी पांबदियों में ढ़ील देती है जिसका इस त्योहार से कोई लेना देना नही होता है। नतीजा सबके सामने है। वर्तमान समय में अगर देखा जाय तो केरल में कोरोना के दैनिक मामलें देश भर के दैनिक मामलों से आधा है। यानि कोरोना के कुल संक्रमितों में से आधे संक्रमित मात्र केरल में ही है। हालांकि इस मामलें में सूप्रीम कोर्ट ने दखल भी दिया था लेकिन कोई फायदा नही हुआ और राज्य सरकार की लापरवाही के कारण पूरे राज्य में मामलें तेजी से बढ़े।

केरल में लगातार 22 हजार मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन केरल के 22 हजार मामले देश के विरोधी दलों के लिए कोई मुद्दा नही है, जबकि यूपी में महज 89 मामले ही भाजपा शासित राज्य में बहुत बड़ा मुद्दा बन जाता और सभी विरोधी दल एकजुट होकर कार्रवाई की मांग करते है… क्या ये यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ साजिश है?

अक्सर ऐसा देखा गया है कि देश के भाजपा शासित राज्यों में मीडिया और विरोधी दलों के लिए छोटी-छोटी बातें बहुत बडा मुद्दा होता है। इतना ही नही ये लोग यूपी की राज्य सरकार की ईमेज को खराब करने का एक भी मौका नही छोड़ते है और उसे बढ़ा चढ़ाकर जनता के सामने पेश करते हैं। जबकि केरल में होने वाली रेप की घटनाएं और कोरोना के मामलों को दबा दिया जाता है।

केरल में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और दक्षिण भारत के केरल राज्य एक बार फिर तीसरी लहर के संकेत दे रहा है। जबकि देश में कोरोना के मामले सबसे पहले केरल में ही दर्ज किए गए थे और उसके बाद देश में कोरोना के मामले सामने आए थे। फिलहाल देश भर के 50 फीसदी से ज्यादा मामले केरल में ही दर्ज किए जा रहे हैं और पिछले दिनों से केरल में 22 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।

केरल में लगातार 4 हफ्तों से कोरोना इंफेक्शन का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। केरल में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 22,056 नए मामले सामने आए और इसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33,27,301 हो गई है। वहीं केरल में अब तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 16457 हो गई।

वहीं बात करें उत्तर प्रदेश की तो बता दें कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले ना के बराबर है। राज्य में बुधवार को प्रदेश में महज 89 नए मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य में सीएम योगी के प्रयास और ट्रिपल टी फार्मूले के बाद कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट आई है और राज्य में कोरोना से कई जिले मुक्त हो गए हैं। लेकिन मीडिया और विरोधी दलों इस पर कोई वाहवाही नहीं मिलती और महज 89 मामलों को बड़ा दिखाकर योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश की जाती है।

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