समग्र समाचार सेवा
तिरुवनंतपुरम, 14जुलाई। केरल विश्वविद्यालय में मलयालम लेक्सिकॉन विभाग में पूर्णिमा मोहन की नियुक्ति को लेकर नाराज कांग्रेस के छात्रों और युवा कार्यकतार्ओं ने पक्षपात और सभी मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया।
पूर्णिमा मोहन आर. मोहनन की पत्नी हैं, जो मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय में ओएसडी हैं।
सोमवार की सुबह प्रदर्शनकारी उनके कमरे में घुस गए और नारेबाजी करने लगे। असहाय पूर्णिमा ने कहा कि उन्होनें कुछ गलत नहीं किया है और उन्होनें अधिसूचना देखकर प्रतिनियुक्ति पद के लिए आवेदन किया था।
पूर्णिमा ने नारेबाजी करने वालें छात्रों से कहा कि मुझे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया और मुझे नौकरी मिल गई। मैंने कुछ गलत नहीं किया।
यह मुद्दा तब सामने आया जब विश्वविद्यालय बचाओ अभियान समिति ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से शिकायत की कि वह संस्कृत के कलाडी श्री शंकराचार्य विश्वविद्यालय में एक संस्कृत शिक्षिका हैं, जिन्हें मलयालम लेक्सिकॉन का संपादक नियुक्त किया गया है, जो कि योग्यता दिशानिर्देश का पूर्ण उल्लंघन था।
शिकायतकर्ता का कहना है कि विश्वविद्यालय के योग्य मलयालम प्रोफेसरों की अनदेखी के बाद संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति कैसे की जा सकती है। वे कहते हैं कि यह विश्वविद्यालय के कानून के खिलाफ है, क्योंकि केवल भाषा में पारंगत व्यक्ति ही इस पद के लिए पात्र हैं।
लेकिन केरल विश्वविद्यालय ने हालांकि बताया है कि नियुक्ति विशेषज्ञों की एक चयन समिति द्वारा की गई थी।
बता दें कि पहले इस इस पोस्ट पर मलयालम के विद्वान जैसे सूरनाद कुंजन पिल्लै, बी.सी. बालकृष्णन और पी. सोमशेखरन नायर विराजमान थे। इस पोस्ट के लिए मासिक वेतन 2 लाख रुपये है।
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