एमपी में थाने के अंदर उतरवाए गए पत्रकारों के कपड़े, भाजपा विधायक के खिलाफ लिखने की सजा

समग्र समाचार सेवा

भोपाल, 8 अप्रैल। मध्य प्रदेश के एक पुलिस थाने में खड़े अर्ध-नग्न पुरुषों के एक समूह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिसमें एक स्थानीय यूट्यूब पत्रकार कनिष्क तिवारी को भी देखा जा सकता है। तिवारी के अनुसार, उन्हें अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जब वे एक थिएटर कलाकार नीरज कुंदर के बारे में पूछताछ करने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे। कुंदर को भाजपा विधायक और उनके बेटे के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

युवा कोई चोर उचक्के नहीं हैंये सभी पत्रकार हैं

अर्धनग्न अवस्था में खड़े ये युवा कोई चोर उचक्के नहीं हैं, ये सभी पत्रकार हैं। जिन्हें मध्य प्रदेश के सीधी जिले में पुलिस द्वारा खूब बेइज्जत किया गया। पुलिस ने क्रूरता की हदें पार करते हुए हवालात में इन पत्रकारों को सिर्फ अंडरगारमेंट्स में ही बिठाया गया। इन पत्रकारों की गलती सिर्फ इतनी थी कि इन लोगों ने बीजेपी के विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ खबरें लिखी थी।

मप्र पुलिस उठ रहे सवाल

ये तस्वीरें इस वक्त एमपी पुलिस की बर्बरता का प्रमाण बन चुकी हैं। सोशल मीडिया में ये तस्वीरें वायरल हो रही है। लोग एमपी पुलिस पर कई सवाल दाग रहे हैं। जैसे- सिर्फ आरोप के आधार पर पत्रकारों पर इस तरह का टॉर्चर कहां तक ठीक है? थाने के अंदर कपड़े उतारकर आरोपी तस्वीर खींच नहीं सकते, फिर तस्वीर किसने ली? क्या लोकतंत्र में प्रदर्शन का हक नहीं है?

कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा

कांग्रेस ने भी इस मामले में मध्य प्रदेश पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। दिग्वजय सिंह के बेटे पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि ये एमपी के सीधी जिले के पुलिस थाने की तस्वीर है। ये अर्धनग्न युवा कोई चोर उचक्के नहीं है, ये लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया के साथी है। वहीं कांग्रेस के माइनॉरिटी अफेयर्स के राष्ट्रीय चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी ने ट्विटर पर लिखा- ‘नये भारत के मध्य वाले प्रदेश में पत्रकारों की स्थिति।’

मप्र पुलिस ने पेश की सफाई

इस मसले पर फजीहत झेलने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने भी सफाई पेश की है। पुलिस ने बताया कि बघेली भाषा में यूट्यूब पर चैनल चला रहे कनिष्क तिवारी समेत कुछ पत्रकारों पर आरोप है कि उन्होंने भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के बेटे की फेक आईडी बनाकर, सोशल मीडिया पर विधायक को बदनाम करने की कोशिश की। लेकिन सिर्फ आरोपों के आधार पर पुलिस का यूं जज बनकर पत्रकारों को प्रताड़ित करना कहां तक ठीक है? ये बड़ा सवाल है। बता दें कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें 5 अप्रैल की हैं, जब वरिष्ठ रंगकर्मी नीरज कुंदेर की गिरफ्तारी हुई थी।

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