समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30दिसंबर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में स्वामीनारायण गुरुकुल विश्वविद्या प्रतिष्ठानम् (SGVP) द्वारा आयोजित पूज्य पुराणी स्वामी स्मृति महोत्सव को संबोधित किया।
इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उनका आग्रह रहता था कि सारे विधायकों को वर्ष में तीन दिन अपनी पार्टी के सिद्धांत, कार्यसंस्कृति और उसे आगे ले जाने पर चिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस गुरुकुल ने कई सद्प्रवृत्तियों में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक व्यक्ति निर्माण अच्छे से नहीं होता, तब तक राष्ट्र निर्माण नहीं हो सकता है और व्यक्ति निर्माण की परंपरा को इस गुरुकुल ने बहुत अच्छे से आत्मसात किया है। श्री शाह ने कहा कि एक बच्चा जो यहां आता है, वो देशभक्त और विद्वान नागरिक बनकर समाज में वापिस जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में भारतीय और सनातन संस्कृति और स्वामीनारायण और भक्ति संप्रदाय के सारे संस्कार तो सिंचित होते ही हैं, इसके अलावा राजकोट गुरुकुल से निकला बच्चा राष्ट्रभक्त बनकर ही निकलता है। उन्होंने कहा कि इस गुरुकुल ने बहुत सारे अच्छे और सफल नागरिक ना सिर्फ गुजरात बल्कि पूरे देश को दिए हैं। उन्होंने कहा कि व्यसनमुक्त जीवन, हरि की उपासना, सद्प्रवृत्ति, जीवन में आलस्य ना आने देना और गौ सेवा से लेकर खेती तक ज़मीन से जुड़े रहने के संस्कारों के साथ-साथ संस्कृत, शास्त्र, संगीत और खेल सहित संपूर्ण शिक्षा का वातावरण यहां प्रदान किया जाता है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा गुलामी के कालखंड में भक्ति के माध्यम से सनातन से जुड़े रहना, व्यसनमुक्ति, शिक्षा और परिवार को एक रखने की गतिविधियों से स्वामीनारायण संप्रदाय ने कई लोगों के जीवन में दीप जलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि स्वामीनारायण संप्रदाय के अलग-अलग संस्थानों के गुरुकुल अगर गुजरात में काम ना कर रहे होते तो राज्य का सर्वशिक्षा अभियान अधूरा रह जाता। उन्होंने कहा कि स्वामीनारायण संप्रदाय ने दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण को रोकने के लिए गुरुकुल शुरु किए औऱ उनके माध्यम से आदिवासी बच्चों को सनातन धर्म से जोड़ा, उन्हें शब्दों के संस्कार दिए और जीवन में ऊंचाई तक जाने का हौंसला भी दिया। उन्होंने कहा कि SGVP गुरुकुल राष्ट्रभक्ति, आध्यात्मिकता और आधुनिक शिक्षा का समन्वय है। इस गुरुकुल में संस्कार, सदाचार, नीतिपरायणता, प्रामाणिकता, वेदों का ज्ञान, संस्कृत, विज्ञान औऱ खेलों के साथ दर्शन के अभ्यास की भी व्यवस्था है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज हर क्षेत्र में पूरे विश्व में भारत का यशोगान हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक भारत निराशा में डूबा था और असहाय सा दिखता था, वही भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2014 से 2024 के 10 सालों में विश्व में सर्वप्रथम बनने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस देश की आत्मा को जगाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश की कई धरोहरों को जानने के लिए पूरा विश्व लालायित है। उन्होंने कहा कि आज जब हम कहते हैं कि हमारी मेडिकल साइंस की पढ़ाई हमारी 18 भाषाओं में होगी, तब पूरी दुनिया जानना चाहती है कि ये कैसे होगा। श्री शाह ने कहा कि हमारे यहां भाषा सिर्फ अभिव्यक्ति का माध्यम है, मूल चीज इंटेलेक्चुअल पावर है। उन्होंने कहा कि आध्यात्म से आयुर्वेद तक, सोशल साइंस से सोलर पावर तक, गणित से लेकर मेटावर्स तक और शून्य से अंतरिक्ष तक, आज पूरे विश्व में हर जगह भारत का दबदबा है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल समाप्त हो गए हैं और 2047 में जब 100 साल होंगे, तब विश्व में हर क्षेत्र में भारत सर्वप्रथम होगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम पिछले 550 सालों से भगवान श्रीराम के पवित्र जन्मस्थान का पुनर्निर्माण नहीं कर पा रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी और अब 22 जनवरी को रामलला अपने घर में फिर से विराजमान होंगे। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम के मंदिर की पुनर्स्थापना और भारत के अमृतकाल की शुरुआत, यह इशारा है कि यह भारत का स्वर्णिम समय हैऔर अगले 25 साल में हमारा देश विश्व में सर्वप्रथम बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में हमारे योग और आयुर्वेद को स्वीकृति मिल रही है और हमारे वेदों, उपनिषदों और दर्शन के सभी वैज्ञानिक दृष्टिकोणों को समझने के लिए पूरा विश्व लालायित है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 22 जनवरी को अयोध्या जाएंगे और संतों की उपस्थिति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, यह पूरे देश के लिए एक शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि सिर्फ अयोध्या ही नहीं, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पुनर्निमित हुआ है, उज्जैन में महाकाल लोक बना है, बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण हुआ है, सोमनाथ के मंदिर को फिर से एक बार सोने का बनाने की शुरुआत हो चुकी है और गुजरात के पावागढ़ पर सालों बाद फिर से शक्तिपीठ की स्थापना भी होगी, यह शुरुआत एक शुभ संकेत है।
अमित शाह ने कहा कि 2014 में भारत दुनिया में 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था थी, आज पांचवे नंबर पर है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2027 तक दुनिया की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति हमारी चिरपुरातन शिक्षा परंपरा से प्रेरणा लेकर बनी है, इसमें आधुनिकता के साथ-साथ मूल भारतीय शिक्षा परंपरा है, प्रधानमंत्री जी ने निरंतर इसका आग्रह किया है। श्री शाह ने कहा कि नई शिक्षा नीति से पढ़े-लिखे बच्चे, भारतीय युवा बाबू नहीं बनेंगे, बल्कि भारतीय बनेंगे और महान भारत की रचना का स्वप्न साकार करेंगे। उन्होंने कहा कि आज हम दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल निर्माता बनने की ओर जा रहे हैं, स्टार्टअप के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं, रिन्यूएबल एनर्जी में तीसरे नंबर पर हैं और सुरक्षा के मामले में आज भारत को कोई शंका की दृष्टि से नहीं देख सकता।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सालों से धारा 370 का कलंक हम ढोते आए हैं, जहां से अलगाववाद और आतंकवाद का जन्म होता था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त, 2019 को धारा 370 को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर एक कठोर संदेश भेजा कि भारत की सेना और भारत की सीमा के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं, वरना जवाब घर में घुसकर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह परंपरा श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शुरू की है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, नक्सलवाद-प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा छिद्रों को भरने का काम किया है और नॉर्थईस्ट में लगभग 9000 विद्रोही कैडर द्वारा आत्मसमर्पण के बाद आज वही बच्चे नॉर्थईस्ट का भविष्य संवार रहे हैं। शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में शांति, सुरक्षा और पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा के साथ समझौता कर लेंगे। उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के साथ मधुर संबंध जरूर चाहिएं, लेकिन हमारी सीमाओं के साथ खिलवाड़ करने की किसी को इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस प्रकार की बैलेंस्ड सुरक्षा नीति की रचना पिछले 10 वर्षों में हुई है।
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