वर्तमान परिस्थिति में बुजुर्गों के प्रति ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता: सुश्री उइके

समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 16जून।  राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज यहां राजभवन में हेल्पएज इंडिया द्वारा विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई। उन्होंने वृद्धजनों को नमन करते हुए वर्तमान परिस्थिति में बुजुर्गों के प्रति ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थिति में लोगों की जीवन शैली में व्यापक बदलाव आए हैं। पहले लोग संयुक्त परिवार में रहते थे। संयुक्त परिवार में आनंद की अनुभूति होती है। वर्तमान परिस्थिति में नौकरी इत्यादि के लिए लोग संयुक्त परिवार को छोड़कर एकल परिवार में रहने लगते हैं। बुजुर्गों के संरक्षण में संयुक्त परिवार में यदि बच्चे पलते-बढ़ते हैं तो उनमें एक अलग संस्कार जागृत होता है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में परिवार एवं माता-पिता के प्रति क्या कर्त्तव्य होना चाहिए, को आवश्यक रूप से जोड़ना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि बुजुर्गों के लिए हेल्पलाईन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो, इससे बुजुर्गों में आत्मविश्वास जागृत होगा तथा फोन पर मदद लेने का प्रयास भी कर सकेंगे। कार्यक्रम के आयोजन के लिए उन्होंने हेल्पएज इंडिया के पदाधिकारियों एवं सभी वक्ताओं को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि पारिवारिक ढांचे में बुजुर्ग वट वृक्ष के समान होते हैं, जिनकी हर शाखा परिवार के सदस्यों के आश्रय और छाया के लिए होती है। अपना संपूर्ण जीवन परिवार और उसके सदस्यों के लालन-पालन और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मद्द करने वाले बुजुर्गों को समाज में महत्वपूर्ण स्थान मिलना ही चाहिए। हालांकि उनकी उपेक्षा की स्थिति में शासन की ओर से स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा उनके लिए वृद्ध आश्रम भी बनाये जाने लगे हैं। लेकिन बेहतर होगा कि वे अपने जीवन की संध्या अपने परिवार और बच्चों के साथ खुशी-खुशी गुजारंे।

उन्होंने कहा कि युवाओं को बुजुर्गों को यह समझाने की जरूरत है कि वे उनके लिए महत्वपूर्ण हैं और उन्हें उनकी जरूरत है। इसके साथ ही उन्हें यह एहसास भी दिलाना होगा कि समाज के प्रति अभी उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं हुई है। हमें उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से मजबूत बनाना होगा और उनमें जीवन के प्रति उत्साह जागृत करना होगा। उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि वे अपने अनुभवों की रोशनी से बच्चों के जीवन में प्रकाश ला सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि पूरे विश्व सहित हमारे देश में बुजुर्गों की बड़ी संख्या है। हर व्यक्ति उम्र के इस पड़ाव में एक दिन जरूर पहुंचता है। उस समय उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है मानसिक और शारीरिक दोनो रूप से। यदि बुजुर्गों को अनुभवों का समृद्ध खजाना कहा जाए तो यह कोई अतिश्योक्तिपूर्ण बात नहीं होगी। ऐसे अनुभवी खजाने का युवाओं द्वारा अपना जीवन संवारने और सीख लेने में उपयोग करना चाहिए। भारतीय समाज में सदैव से बड़े-बुजुर्गों का सम्मानजनक स्थान रहा है और उनकी आज्ञा और मार्गदर्शन में काम करना हमारी परम्परा रही है।

Comments are closed.