कट मनी कि पैसा किसके खाते में गया, ममता जवाब दें : अनुराग ठाकुर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी को केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचारियों को खुली छूट देने और भ्रश्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं करने का अरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय मजबूर होकर पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मनरेगा का पैसा रोका है ताकि इन योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही सुनिश्चित एवं गड़बड़ियों को ठीक कर जा सके। जब केन्द्र सरकार द्वारा ममता बनर्जी की सरकार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाती है, तब उनके भतीजा और भ्रष्ट सांसद अभिषेक बनर्जी दिल्ली में केन्द्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते है।

श्री ठाकुर ने सवाल पूछा कि केंद्र सरकार ने जब सीएम ममता बनर्जी को योजनाओं के भ्रष्टाचारियों एवं अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए कहती है, तब ममता बनर्जी जी के हाथ क्यों कांप गए? भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा गया, तब ममता बनर्जी की सरकार ने कदम क्यों नहीं उठायी? कहा जा रहा था कि पश्चिम बंगाल में कटमनी नहीं है और गरीबों को विभिन्न योजनाओं का पूरा पैसा मिल रहा है। तब, यह गरीबों का पैसा किसके खाते में जा रहा था। ममता दीदी अपने भतीजे को महात्मा गांधी की समाधी पर भेजने से काम नहीं चलेगा। देश की जनता पूछ रही है कि पश्चिम बंगाल में भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी?

ममता बनर्जी की सरकार में लागातार हो रहे घोटाले पर श्री अनुराम ठाकुर ने कहा कि तृणमूल सरकार में एक के बाद एक घोटाला सामने आए। जब घोटाले की जांच होती है तो टीएमसी सुप्रीमो एवं सीएम ममता बनर्जी खुद धरने पर बैठ जाती है। पश्चिम बंगाल के भ्रष्टाचार को दबाने और ध्यान भटकाने के लिए आज 2 अक्टूबर 2023 को एक भ्रष्ट सांसद अपने साथ कुछ नेताओं को हवाई जहाज से दिल्ली पहुंच जाते हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए वह नेता दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, जो खुद ईडी का चक्कर काट रहा है और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे हैं। इसके विपरीत वही भ्रष्ट नेता आरोप लगते हैं कि केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल को महात्मा गांधी नेशनल रूरल इम्प्लायमेंट गारंटी योजना में पैसा नहीं दे रही है।

केन्द्रीय योजनाओं के आंकडे बताते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजना के तहत पश्चिम बंगाल को यूपीए शासन काल में 14,985 करोड़ रुपए मिले और एनडीए के शासन काल में 54,150 करोड़ रुपए मिले।

● प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पश्चिम बंगाल को यूपीए शासन काल में 4466 करोड़ रुपए मिले और एनडीए के शासनकाल में 30 हजार करोड़ रुपए मिले, जो लगभग सात गुना से ज्यादा है।

● इसी तरह नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन (एनआरएलएम) के तहत बैंक लिंकेज के लिए पश्चिम बंगाल को यूपीए शासनकाल में 626 करोड़ रुपए मिले और एनडीए शासनकाल में 74,034 करोड़ रुपए मिले, जो 12 गुना से ज्यादा है।

● एनआरएलएम के तहत आरएफ और सीआईए के लिए पश्चिम बंगाल को यूपीए शासनकाल में 23 करोड़ रुपए करोड़ रुपए मिले थे और एनडीए शासन में 3735 करोड़ मिले, जो 13 गुना से ज्यादा है।

● वित्त आयोग की राशि पश्चिम बंगाल को यूपीए शासनकाल में 3270 करोड़ रुपए मिले और एनडीए शासनकाल में 25 हजार करोड़ रुपए मिला, जो 8 गुना ज्यादा है।

● आरजीएसए की राशि पश्चिम बंगाल को यूपीए शासनकाल में 43 करोड़ रुपए मिला और एनडीए शासनकाल में 227 करोड़ रुपए मिला।

● केन्द्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को यूपीए शासनकाल में 58 हजार करोड़ रुपए मिले और एनडीए शासनकाल में 2.05 लाख करोड़ रुपए मिले।

● ये आंकड़े बताते हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार में पश्चिम बंगाल के विकास में कोई कमी नहीं रखी गयी है।

श्री ठाकुर ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि ऐसा क्या हुआ कि ममता बनर्जी जी को अपने भ्रष्ट सांसद और भ्रष्ट नेताओं को दिल्ली भेजना पड़ा? केंद्रीय योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ पश्चिम बंगाल में कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन उस भ्रष्टाचार पर लीपापोती करने के लिए भ्रष्ट सांसद और नेताओं को दिल्ली भेजकर धरना प्रदर्शन कराया गया।

केन्द्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने बताया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक टीम ने 22 जनवरी 2019 से लेकर 24 जनवरी 2019 तक पश्चिम बंगाल जाकर मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यान्वयन का निरीक्षण किया। केंद्रीय टीम ने बर्द्धमान पुरब के चार ब्लाक के छह ग्राम पंचायातों और हुगली जिला के तीन ब्लॉक के 7 ग्राम पंचायत में निरीक्षण की। केंद्रीय टीम ने 4.84 करोड़ रुपए की रिकवरी की गयी।
● इसके बाद दूसरी केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल में 13 सितंबर 2021 को गयी और 17 सितंबर 2021 तक मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यान्वयन की जांच की। फिर जांच में वैसी ही रिपोर्ट आयी जैसे पहले आयी थी।

● इसके जांच रिपोर्ट में यह जानकारी मिली कि बड़े काम को छोटे-छोटे काम में बांट दिया गया, ताकि इसकी जानकारी सबको नहीं चले। जो काम पहले हो चुके हैं, जैसे तलाब, सड़क आदि जो पहले से बने हुए थे, उसे नया काम दिखाकर ममता बनर्जी जी ने घोटाला कर लिया।

● टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को महात्मा गांधी के समाधी पर भेजा, जबकि महात्मा गांधी के नाम पर चले रहे योजना में पैसा खा लिया।

● मालदा जिला में तलाब, सड़क आदि पहले से थे उस नया योजना दिखाकर पैसा खा लिया। छोटी नदियों में गाद निकालने के नाम पर पैसा खा गए। मनरेगा योजना के तहत कटीले तार के बाड़ लगाने के काम की अनुमति नहीं है, किन्तु मनरेगा में यह भी काम किया गया।

● मनरेगा के फंड से चाय बगान में निजी इस्तेमाल के लिए सड़क निर्माण भी किया गया। मनरेगा की राशि से निजी कंपनी को लाभ पहुंचाया गया, जो नियम के दायरे में नहीं है। नदी के तटबंध बनाने के लिए रेत की थैलियों को पहुंचाने का काम दिखाया गया। ऐसे अनेको काम हैं, जिसे मनरेगा योजना के तहत करने की अनुमति नहीं है, उन कामों को भी किया गया।

● केन्द्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के ममता बनर्जी की सरकार को निर्देश दिया कि केंद्रीय टीम के रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई करने के बाद “एक्शन टेकेन रिपोर्ट” दें।

● केंद्र सरकार ने 6 मार्च 2019 को केंद्रीय टीम की रिपोर्ट पश्चिम बंगाल को दी है। केंद्र सरकार को ममता बनर्जी की सरकार ने तीन महीने बाद 19 जून 2019 को अपनी रिपोर्ट दी। उस रिपोर्ट में कार्रवाई करने की सिर्फ बात की गयी, लेकिन कार्रवाई की गयी है इसकी जानकारी नहीं दी गयी।

● केंद्र सरकार ने फिर से कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा। केंद्र सरकार ने एक बाद दूसरा एक्शन टेकेन रिपोर्ट देने के लिए निर्देश दिया किन्तु पश्चिम बंगाल की सरकार ने कुछ नहीं किया। दो साल बीत जाने पर पश्चिम बंगाल की सरकार ने उन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। ममता बनर्जी की सरकार में भ्रष्टाचारियों ने दिहाड़ी पर काम करने वाले गरीब लोगों के लिए चलायी गयी योजना का भी पैसा खा गया।

श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार में अनेक घोटाला हुए हैं, नारादा घोटाला, शारदा घोटाले, रोजवैली घोटाले, कोयला घोटाले आदि घोटले पर घोटाले हुए हैं, इसके बावजूद गरीबों के लिए चलायी जा रही योजना मनरेगा में भी घोटाला कर दिया। ममता बनर्जी की सरकार में गरीबों की योजना मनरेगा में पैसा खाने लगे तब जाकर मनरेगा एक्ट की धारा 27 का प्रयोग करके पैसा रोका गया। इसी तरह पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में गरीबों के लिए चलायी जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के घर भी उनलोगों को दी गयी, जिनके पास दो मंजिल और तीन मंजिल वाले मकान हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार ने 4 करोड़ गरीबों को मकान बनवाकर दिए।

● भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि ममता दीदी, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन मंजिला मकाने वाले लोगों को मकान क्यों दी? ममता दीदी, गरीब और जरूरतमंद पात्र लाभार्थी को घर क्यों नहीं दी? क्या ममता दीदी को गरीबों का हक छीनने में थोड़ा भी दर्द नहीं हुआ?

● अपात्र लोगों को आवास योजना प्लस का हकदार बना दिया। पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कुल 56,86 लाख नए लाभार्थियों के नाम भेजे थे। जब शिकायतों की जांच की गयी तो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल को पुनर्विचार करने के लिए लौटा दिया तब पश्चिम बंगाल सरकार ने 17.03 लाख लाभार्थियों के नाम काट दिया।

● यदि केंद्र सरकार पुनर्विचार करने के लिए नहीं भेजती तो भ्रष्टाचारी 20,400 करोड रुपए अवैध कमाई होती। ममता दीदी के आशीर्वाद से उनकी सरकार में अधिकारी, कर्मचारी और बिचौलियों को अवैध कमाई होती।

● दस जिलों में पूर्व मदनीपुर, पश्चिम मदनीपुर, पूर्व बर्द्धमान, मालदा, साउथ 24 परगना, नादिया, मुर्षीदाबाद, कालीमपों, दर्जिलिंग में हुए भ्रष्टाचार की चर्चा हो रही है। यदि 56 लाख में से 17 लाख लाभार्थियों को एक झटके में अवैध पाया जाता है तो इन योजनाओं के कार्यान्वयन में कितना गड़बड़ी की गयी है।

श्री ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने केंद्रीय योजनाओं की राशि यूपीए सरकार की तुलना में चार गुना अधिक दिया, कई योजनाओें में 12 गुना तो कई योजनाओं में 8 गुना ज्यादा दी गयी। जबकि पश्चिम बंगाल की सरकार भ्रष्ट लोगों के साथ खड़ी दिखायी दी और गरीबों का हक छीनते नजर आयी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आवास योजना के तहत 34 लाख घर पश्चिम बंगाल को दिए और आवास प्लस योजना के तहत 11 लाख घर दिए। लेकिन गरीबों का हक छीनकर दूसरों को दिया गया है, जो उचित नहीं है। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कांग्रेस शासन काल में इंदिरा आवास योजना के तहत अधूरा पड़े आवास को पूरा बनवाया।

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