समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17नवंबर। आयकर विभाग ने 10 नवंबर, 2021 को विशाखापत्तनम, हैदराबाद, विजयनगरम और श्रीकाकुलम में तीन अलग-अलग समूहों के खिलाफ 30 अलग-अलग परिसरों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। ये समूह मुख्य रूप से आवासीय भूखंडों के विकास और अपार्टमेंट के निर्माण के रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े हैं।
छापेमारी के दौरान अपराध साबित करने वाले कई साक्ष्य जैसे डिजिटल साक्ष्य, हाथ से लिखी किताबें, अघोषित नकद लेनदेन के बारे में जानकारी देने वाले पन्ने मिले और उन्हें जब्त कर लिया गया। इन साक्ष्यों के विश्लेषण से पता चलता है कि कर योग्य आय को छिपाने के लिए फर्जी दावों के माध्यम से खर्चों को बढ़ाया गया है। यह भी पता चला है कि इन समूहों ने नकदी में लेनदेन किया था, जो लेखा पुस्तकों में दर्शाया नहीं गया है।
अबतक 1.20 करोड़ रुपये अघोषित नकदी और 90 लाख रुपये की कीमत के आभूषण जब्त किए गए हैं। 9 बैंक लॉकरों पर पाबंदी लगा दी गई है। कुल मिलाकर, तलाशी अभियान में लगभग 75 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।
इसके अलावा आयकर विभाग ने 11.11.2021 को पुणे में एक कंपनी समूह के खिलाफ तलाशी और जब्ती अभियान चलाया जो उत्खनन यंत्र, क्रेन, कंक्रीट मशीनरी जैसे खनन, पाइलिंग और बंदरगाह आदि में उपयोग की जाने वाली भारी मशीनरी का निर्माण करता है। तलाशी अभियान में भारत के सात शहरों के लगभग 25 स्थानों को कवर किया।
तलाशी के दौरान, इलेक्ट्रॉनिक डेटा के रूप में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री मिली, जिन्हें जब्त कर लिया गया। इस साक्ष्य के विश्लेषण से पता चलता है कि कंपनी विभिन्न कदाचारों को अपनाकर अपने लाभ को छुपा रहा है, जैसे कि क्रेडिट नोटों के माध्यम से बिक्री को खुद से कम करके दिखाना, अप्रमाणित व्यापार देनदारी के माध्यम से खर्चों का फर्जी दावा, अप्रयुक्त निःशुल्क सेवाओं पर खर्च का गैर-वास्तविक दावा, संबंधित पक्षों को गैर-सत्यापन योग्य कमीशन खर्च, राजस्व का गलत आस्थगन और मूल्यह्रास के गलत दावे, आदि। संबंधित संस्थाओं के मामले में, डीलरों/दलालों द्वारा नकद प्राप्तियों के साक्ष्य, संपत्तियों में बेहिसाब निवेश और बेहिसाब नकद ऋण भी पाया गए हैं और उनके दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं।
तलाशी अभियान में एक करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं। तलाशी के दौरान मिले तीन बैंक लॉकरों को कब्जे में कर लिया गया है।
तलाशी कार्रवाई में 200 करोड़ रुपये से अधिक की कुल बेहिसाब आय का पता चला है। आरोपी समूह ने अब तक उपरोक्त में से 120 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय की बात स्वीकार की है।
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