समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16जुलाई। कृशि कानून को लेकर चल रहा आदोंलन खत्म होने का नाम नही ले रहा है। इसी बीच सोमवार शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले अकाली दल ने भी कृषि कानून के खिलाफ गैर कांग्रेसी विपक्ष का नेतृत्व करने का ऐलान कर दिया है। मानसून सत्र में कृषि कानून को लेकर पहले ही हंगामे के आसार थे. इस बीच खबर आई है कि भाजपा की पूर्व सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल संसद में कृषि कानून के खिलाफ विपक्ष की ओर से मोर्चा संभालेगी। अकाली दल अपने इस अभियान में क्षेत्रीय दलों को भी शामिल करेगी और कृषि कानून को रद्द करने की मांग करेगी। सांसद नरेश गुजराल ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल संसद के दोनों सदनों में कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करेगी. उन्होंने कहा हम इस कदम का समर्थन करने के लिए पहले ही शिवसेना, राकांपा, द्रमुक, टीएमसी और बसपा को साथ ले चुके हैं। हमारी कोशिश है कि वाम दलों और अन्य क्षेत्रीय दलों को भी अपने साथ जोड़ा जाए, जिससे संसद में हमारी ताकत के आगे केंद्र सरकार झुक जाए। उन्होंने कहा, लोकसभा में यह एक स्थगन प्रस्ताव के रूप में होगा जबकि राज्यसभा में हम काले कानूनों को पारित करने के लिए सरकार की निंदा करते हुए उपयुक्त नियम का पालन करेंगे. बता दें कि उच्च सदन में सरकार के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव, निंदा प्रस्ताव या अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की कोई प्रक्रिया नहीं है। सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए नियम 167 के तहत एक प्रस्ताव पेश किया जा सकता है, जिसे सदन के वोट के लिए रखा जा सकता है।
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