यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस पर भारत की शुभकामनाएं, जयशंकर बोले– रिश्ते होंगे और मजबूत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 अगस्त: भारत और यूक्रेन के बीच कूटनीतिक संबंधों में गर्मजोशी बढ़ती जा रही है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस पर वहां की सरकार और जनता को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर संदेश साझा करते हुए भारत-यूक्रेन संबंधों को और प्रगाढ़ करने की प्रतिबद्धता जताई।

जयशंकर ने लिखा—
“विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा, यूक्रेन की सरकार और जनता को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। हम द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

नई दिल्ली में यूक्रेन का ध्वजारोहण समारोह

शनिवार को यूक्रेन दूतावास ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया। इस अवसर पर दूतावास के अधिकारियों ने पारंपरिक परिधान पहनकर नीले-पीले ध्वज को फहराया और राष्ट्रगान गाया। दूतावास ने X पर लिखा—
“आज हम गर्व से यूक्रेन के राष्ट्रीय ध्वज दिवस का जश्न मना रहे हैं। यह ध्वज शांति और अदम्य साहस का प्रतीक है। जय यूक्रेन! जय नायकों की!”

ज़ेलेंस्की का संदेश और भारत-यूक्रेन संवाद

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने भी ध्वज दिवस पर संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा—
“आज हमारी सबसे गहरी भावनाओं में से एक का दिन है—वह एहसास जब आप घर पर हों या जब आप अपनी मातृभूमि को पहचानें।”

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ज़ेलेंस्की ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता को बधाई दी थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि भारत वैश्विक शांति प्रयासों में अहम भूमिका निभाएगा।

इसके जवाब में पीएम मोदी ने धन्यवाद देते हुए कहा—
“भारत और यूक्रेन के बीच घनिष्ठ संबंधों को और आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता गहरी है। हम यूक्रेन के दोस्तों के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि से भरे भविष्य की कामना करते हैं।”

रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत की भूमिका

बीते तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, भारत लगातार शांति और संवाद की वकालत करता रहा है। इसी क्रम में यूक्रेन के भारत स्थित राजदूत ओलेक्ज़ांदर पोलिशचुक ने शनिवार को कहा कि वे शांति वार्ता में भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देखते हैं।

राजदूत ने कहा—
“भारत इस युद्ध में निष्पक्ष नहीं, बल्कि शांति, कूटनीति और राजनीतिक संवाद का दृढ़ समर्थक है। हम चाहते हैं कि आने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र (UNGA) में भारत-यूक्रेन वार्ता को और आगे बढ़ाया जाए।”

बढ़ते रिश्तों का संकेत

विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया संवाद और उच्चस्तरीय बयानों से साफ है कि भारत-यूक्रेन रिश्ते नई दिशा ले रहे हैं। रूस और पश्चिमी देशों के बीच जारी तनाव के बीच भारत की भूमिका मध्यस्थता और संतुलन की हो सकती है।

 

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