समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 3 जुलाई: भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा संबंधों को नई ऊंचाई देने के लिए अगले 10 वर्षों का नया रक्षा ढांचा तय किया गया है। पेंटागन ने बुधवार को इस महत्वपूर्ण घोषणा में बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच टेलीफोन पर हुई चर्चा के बाद इस समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमति बनी है।
दक्षिण एशिया में भारत प्रमुख रक्षा साझेदार
पेंटागन ने अपने बयान में भारत को दक्षिण एशिया में अमेरिका का प्रमुख रक्षा साझेदार बताया। इस साझेदारी के तहत भारत को अमेरिकी रक्षा उपकरणों की प्रस्तावित बिक्री, रक्षा औद्योगिक सहयोग, संयुक्त सैन्य अभ्यास और लॉजिस्टिक्स के आदान-प्रदान को और मज़बूती दी जाएगी। दोनों देशों के बीच यह साझेदारी फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त बयान के तहत तय किए गए रक्षा लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगी।
तेजस को मिलेगा अमेरिकी इंजन का सहयोग
मंगलवार को हुई बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी समकक्ष से तेजस एलसीए के लिए GE F404 इंजन की आपूर्ति में तेजी लाने की अपील की। इसके साथ ही HAL और GE Aerospace के बीच भारत में F414 इंजन के संयुक्त उत्पादन को जल्द अंतिम रूप देने की भी वकालत की गई। यह कदम भारतीय वायुसेना के लिए तेजस मार्क 1ए विमानों की डिलीवरी में आ रही देरी को दूर करेगा।
मजबूत होगा सैन्य सहयोग और तकनीकी साझेदारी
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग, सैन्य प्रशिक्षण, आपसी सैन्य आदान-प्रदान और तकनीकी साझेदारी के विस्तार पर विस्तार से चर्चा की। बयान के अनुसार, दोनों देशों ने समान सोच वाले देशों के साथ मिलकर रक्षा आपूर्ति शृंखलाओं को जोड़ने और संयुक्त सैन्य अभ्यास को बढ़ाने पर भी सहमति जताई।
Comments are closed.