समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 3 जुलाई: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से लंबित अंतरिम व्यापार समझौता अगले 48 घंटों में पूरा हो सकता है। वाशिंगटन में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बैठकों का दौर लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक भारत के व्यापार प्रतिनिधि अगले कुछ दिन और वाशिंगटन में रुकेंगे ताकि बाकी मतभेद सुलझाए जा सकें।
9 जुलाई से पहले डील जरूरी
यह ट्रेड डील 9 जुलाई से पहले पूरी करनी होगी क्योंकि इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अमेरिका जाने वाले उत्पादों पर हाई टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। ट्रंप पहले ही 2 अप्रैल को ‘लिबरेश डे’ के मौके पर दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं।
कृषि और डेयरी सेक्टर बना रोड़ा
इस व्यापार समझौते में सबसे बड़ी चुनौती भारतीय कृषि और डेयरी सेक्टर को लेकर है। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने कृषि और डेयरी बाजार को अमेरिकी उत्पादों के लिए और खोले। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि ग्रामीण आजीविका और खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालकर कोई समझौता नहीं होगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय प्रतिनिधि ने साफ कह दिया है कि भारत में जेनेटिकली मॉडिफाइड मक्का, सोयाबीन, चावल और गेहूं के आयात पर टैरिफ में छूट देना स्वीकार्य नहीं है।
अमेरिकी कंपनियों को भारत में मिलेगा मौका?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि समझौता होने की सूरत में अमेरिकी कंपनियों को भारत के 1.4 बिलियन लोगों के बड़े बाजार में मुकाबला करने का बेहतर मौका मिलेगा। ट्रंप ने एअरफोर्स वन में पत्रकारों से कहा था कि वह भारत के साथ ऐसा समझौता चाहते हैं जिससे दोनों देशों को टैरिफ कटौती का फायदा मिले और अमेरिकी निर्यातकों को भारत में पैर जमाने में मदद मिल सके।
अब सबकी निगाहें वाशिंगटन पर
ट्रेड डील को लेकर अब सबकी निगाहें वाशिंगटन पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले दो दिनों में दोनों देशों के बीच सुलह किस शर्त पर होती है और क्या भारत अपनी रेड लाइन यानी कृषि-डेयरी सेक्टर पर कायम रह पाता है या नहीं।
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