समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 मई। ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है जब भारत और पाकिस्तान किसी मुद्दे पर एकमत हो। हालांकि यूक्रेन मुद्दे पर पाकिस्तान ने भारत जैसा रुख दिखाया है। दरअसल भारत और पाकिस्तान उन 12 देशों में शामिल हैं, जिन्होंने यूक्रेन में “रूसी आक्रमण से उपजे संकट” को संबोधित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया है। 47 सदस्यीय निकाय में इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वाले केवल दो देश यानी चीन और इरिट्रिया हैं।
भारत ने पहले भी वोट करने से परहेज किया
बता दें कि यूक्रेन पर अटैक को लेकर यूएन में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों पर भारत ने पहले भी वोट करने से परहेज किया है। इसी क्रम में भारत ने एक बार फिर से मतदान से पहले हुई चर्चाओं में भाग लिया और यूक्रेन में लोगों के मानवाधिकारों के सम्मान और संरक्षण का आह्वान किया और “मानव अधिकारों के वैश्विक प्रचार और संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता” को दोहराया।
प्रस्ताव के पक्ष में 33 वोट पड़े जिससे इसे पारित कर दिया गया
यूएन के इस प्रस्ताव में यूक्रेन के कीव, खारकीव, चेर्निहाइव और सुमी शहरों में रूस द्वारा किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघनों की जांच के वास्ते पहले से स्थापित जांच आयोग के लिए एक अतिरिक्त जनादेश की मांग की गई थी। हालांकि प्रस्ताव के पक्ष में 33 वोट पड़े जिससे इसे पारित कर दिया गया। प्रस्ताव में रूस से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को उन लोगों तक निर्बाध पहुंच प्रदान करने का भी आग्रह किया, जिन्हें युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से दूसरी जगह “स्थानांतरित” कर दिया गया है और कथित तौर पर रूसी क्षेत्र में रह रहे हैं। मास्को का दावा है कि इन लोगों ने अपनी स्वतंत्र इच्छा से रूस में प्रवेश किया।
भारत ने बुका में नागरिकों की हत्याओं की निंदा की
भारत ने मार्च में भी जांच आयोग की स्थापना के प्रस्ताव पर परिषद में मतदान से परहेज किया था। हालांकि, भारत ने बुका में नागरिकों की हत्याओं की निंदा की है और स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन भी किया है। गौरतलब है कि चीन ने भी उस मौके पर वोटिंग से परहेज किया था, लेकिन इस बार उसने यह कहते हुए प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया कि यह न तो संतुलित है और न ही उद्देश्यपूर्ण है और यह केवल तनाव बढ़ाने वाला प्रस्ताव है।
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