भारत–ऑस्ट्रिया ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की
वियना में हुई 8वीं विदेश कार्यालय परामर्श बैठक, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी हुई चर्चा
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वियना में 8वीं विदेश कार्यालय परामर्श बैठक आयोजित
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व्यापार, विज्ञान, संस्कृति और जन-संपर्क पर फोकस
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क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श
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आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर सहमति
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अगली बैठक नई दिल्ली में प्रस्तावित
समग्र समाचार सेवा
वियना |13 दिसंबर: भारत और ऑस्ट्रिया ने शुक्रवार को वियना में 8वीं विदेश कार्यालय परामर्श बैठक (FOC) का आयोजन किया, जिसमें दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा की गई। बैठक में राजनीतिक संवाद, व्यापार और आर्थिक सहयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा जन-जन संपर्क जैसे अहम क्षेत्रों पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज ने किया, जबकि ऑस्ट्रियाई पक्ष का नेतृत्व यूरोपीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों के संघीय मंत्रालय के विदेश मामलों के महासचिव निकोलस मार्सचिक ने किया। दोनों पक्षों ने भारत-यूरोपीय संघ संबंधों के साथ-साथ पारस्परिक हित के प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों ने नियमित आधिकारिक संवाद बनाए रखने और अगली विदेश कार्यालय परामर्श बैठक आपसी सहमति से सुविधाजनक समय पर नई दिल्ली में आयोजित करने पर सहमति जताई।
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रिया की विदेश मंत्री बीट मीनल-रीसिंगर के साथ विभिन्न अवसरों पर मुलाकात और बातचीत की है। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति और परमाणु ब्लैकमेल के कड़े विरोध पर सहमति व्यक्त की है।
भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंध 1949 में स्थापित हुए थे। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रिया यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों का उत्सव मनाया था, जिससे द्विपक्षीय साझेदारी को नई गति मिली।
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