भारत ने पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को कुचला: राजनाथ, सेना प्रमुख ‘ऑपरेशन सिंधूर’ के बाद अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे

जीजी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली,9 मई । 
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार सुबह दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें भारतीय सेना प्रमुख जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुखों ने भाग लिया। यह बैठक भारत की ऑपरेशन सिंधूर के बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर आयोजित की गई थी, जब पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों और शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे।

भारतीय रक्षा तंत्र ने पाकिस्तान के द्वारा राजस्थान, पंजाब और गुजरात में किए गए एयरियल हमलों को पूरी तरह से नाकाम किया। यह हमला गुरुवार रात लगभग 8:30 बजे शुरू हुआ था, और भारतीय सेना ने तुरंत जवाब देते हुए जम्मू, पठानकोट और उधमपुर जैसे सैन्य ठिकानों की रक्षा की। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि इन हमलों के दौरान कई क्षेत्रों में, जैसे श्रीनगर, जम्मू और पंजाब के कुछ हिस्सों में, बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई।

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के लाइने ऑफ कंट्रोल (LoC) पर कई सैन्य पोस्टों को नष्ट किया। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के सैनिकों ने सीजफायर उल्लंघन करते हुए ड्रोन और अन्य मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। इसके जवाब में भारतीय सेना ने एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल कर पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को नष्ट किया। भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से कहा कि “हमारे सभी सैनिकों का एकमात्र उद्देश्य देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना है।”

पाकिस्तान की इन जवाबी कार्रवाइयों के बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया ने पूरी तरह से पाकिस्तान के हमलों को नाकाम कर दिया। ऑपरेशन सिंधूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 24 मिसाइलों के जरिए 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, जिसमें 70 आतंकवादियों की मौत और कम से कम 60 आतंकवादियों के घायल होने की खबरें आईं।

पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के रूप में सीजफायर उल्लंघन और तोपखाने से गोलाबारी की, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में कम से कम 16 नागरिकों की मौत हो गई। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के इस हमले का जोरदार जवाब दिया और संघर्ष के लंबे खिंचने की आशंका के बीच भी अपनी प्रतिक्रिया जारी रखी।

भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “भारत किसी भी आतंकवादी गतिविधि या सीमा पर घुसपैठ को सहन नहीं करेगा। हमारा उद्देश्य केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा करना और किसी भी प्रकार के आक्रमण का तगड़ा जवाब देना है।”

इस सैन्य संघर्ष के बाद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंता जताई जा रही है। विशेष रूप से, संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन भारत का संदेश स्पष्ट है — “आतंकवाद और उसके संरक्षकों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जारी रहेगी।”

अब इस बढ़ते संघर्ष को लेकर राजनाथ सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी अगले कदमों पर विचार करेंगे। उनके द्वारा की जा रही रणनीतिक बैठक में पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव को लेकर निर्णय लिए जाएंगे, ताकि भारत की रक्षा सुनिश्चित की जा सके और किसी भी संभावित सैन्य संघर्ष से बचने के प्रयास किए जा सकें।

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