भारत ने पोप फ्रांसिस के निधन पर घोषित किया तीन दिवसीय राज्य शोक, दुनिया भर में शोक की लहर

नई दिल्ली | 22 अप्रैल – भारत सरकार ने आज, 21 अप्रैल 2025 को, पोप फ्रांसिस के निधन पर तीन दिवसीय राज्य शोक की घोषणा की। यह निर्णय, उनके निधन के साथ पूरी दुनिया में फैली शोक की लहर के मद्देनज़र लिया गया है। पोप फ्रांसिस, जो पवित्र कुरिया के सर्वोच्च पोंटिफ थे, आज इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनका निधन ईसाई धर्म और पूरी मानवता के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसे भारतीय सरकार ने गहरे श्रद्धा और सम्मान के साथ स्वीकार किया।

भारत सरकार ने 22 और 23 अप्रैल 2025 को राज्य शोक के रूप में मान्यता दी है, साथ ही पोप के अंतिम संस्कार के दिन भी एक दिन के राज्य शोक का ऐलान किया गया है। इस दौरान, राष्ट्रीय ध्वज सभी सरकारी भवनों पर आधा झुका रहेगा, और किसी भी प्रकार के सरकारी मनोरंजन या समारोह नहीं होंगे। यह कदम भारतीय सरकार की ओर से पोप फ्रांसिस को एक श्रद्धांजलि के रूप में लिया गया है, जो दुनियाभर के करोड़ों लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।

पोप फ्रांसिस का निधन दुनिया भर के लोगों के लिए एक गहरा आघात है, विशेष रूप से उन लाखों श्रद्धालुओं के लिए, जो उन्हें एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में देखते थे। उनके नेतृत्व में कैथोलिक चर्च ने धार्मिक एकता, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया था।

उनके निधन पर भारतीय प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य शीर्ष नेताओं ने शोक संदेश जारी किए हैं, और उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। भारत में ईसाई समुदाय, विशेष रूप से कैथोलिक समुदाय, इस समय गहरे शोक में है, और विश्व शांति के लिए पोप फ्रांसिस के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

पोप फ्रांसिस ने भारत की अपनी आखिरी यात्रा 2017 में की थी, जिसमें उन्होंने भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं का सम्मान किया था। उन्होंने भारत में धर्मनिरपेक्षता, सामूहिकता, और एकता के संदेश को फैलाया था, जो हमेशा भारत के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।

भारत, एक धर्मनिरपेक्ष देश होने के नाते, ने पोप फ्रांसिस के निधन पर अपनी संवेदनाओं का आदान-प्रदान किया और राज्य शोक की अवधि के दौरान भारतीय जनता से अपील की है कि वे शांति और एकता बनाए रखें। पोप फ्रांसिस के योगदान को याद करते हुए, भारत ने यह सुनिश्चित किया कि उनकी याद में आयोजित होने वाली कोई भी धार्मिक सेवा या कार्यशाला शांति और सद्भाव के साथ आयोजित की जाए।

भारत सरकार का यह कदम दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण संदेश भेजता है कि यह देश न केवल अपने नागरिकों का सम्मान करता है, बल्कि वैश्विक नेताओं और उनके योगदानों को भी समान सम्मान देता है। पोप फ्रांसिस के निधन पर यह राज्य शोक दुनिया भर में उनके योगदान और ईश्वर के प्रति उनकी सेवा के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। उनका मार्गदर्शन और शिक्षाएँ हमेशा मानवता के लिए एक प्रेरणा बनकर रहेंगी।

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