सिएटल के स्पेस नीडल पर पहली बार लहराया भारत का तिरंगा

समग्र समाचार सेवा 
सिएटल,अमेरिका  16 अगस्त:भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस को एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में तब याद किया जाएगा, जब पहली बार अमेरिका के सिएटल शहर की पहचान माने जाने वाले स्पेस नीडल पर भारत का तिरंगा लहराया गया। यह घटना भारत-अमेरिका संबंधों की गहराई और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के योगदान को सम्मानित करने के लिए आयोजित की गई थी।

ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना सिएटल

स्पेस नीडल, जो 1962 के वर्ल्ड फेयर के लिए बनाया गया था, सिएटल का सबसे प्रसिद्ध प्रतीक है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जब इस संरचना के शीर्ष पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तो पूरा वातावरण भारत-अमेरिका मित्रता की भावना से भर गया।

इस अवसर पर भारत के सिएटल स्थित वाणिज्य दूतावास के कौंसल जनरल प्रकाश गुप्ता और सिएटल के मेयर ब्रूस हेरल ने संयुक्त रूप से ध्वजारोहण का नेतृत्व किया।

अमेरिकी नेताओं की मौजूदगी

समारोह में कई अमेरिकी गणमान्य नेता भी शामिल हुए। इनमें अमेरिकी सांसद एडम स्मिथ, वॉशिंगटन सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस डेब्रा एल. स्टीफेंस, और सिएटल पोर्ट कमिश्नर सैम चो प्रमुख थे।
कांग्रेस सदस्य एडम स्मिथ ने कहा कि स्पेस नीडल पर तिरंगे का लहराना न केवल भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र की विविधता और भारतीय समुदाय की अहमियत को भी दर्शाता है।

सामुदायिक उत्सव

कार्यक्रम के बाद केरी पार्क में सामुदायिक स्वागत समारोह का आयोजन हुआ। यहां से लोग सिएटल की स्काईलाइन के साथ स्पेस नीडल पर फहराता तिरंगा देख सके। इस दृश्य ने भारतीय समुदाय के लिए गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का माहौल बना दिया।

पूरे शहर में गूँजी आज़ादी की भावना

केवल स्पेस नीडल ही नहीं, बल्कि सिएटल की कई अन्य प्रमुख इमारतें भी तिरंगे के रंगों से जगमगा उठीं। इनमें ल्यूमेन स्टेडियम, टी-मोबाइल स्टेडियम, वेस्टिन होटल और सिएटल ग्रेट व्हील शामिल थे।
इसके अलावा, टकोमा शहर के डोम, सिटी हॉल और पुलिस व फायर डिपार्टमेंट के मुख्यालयों पर भी भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

“इंडिया डे” की आधिकारिक घोषणा

विशेष पहल के रूप में किंग काउंटी, जिसमें सिएटल, स्पोकेन, टकोमा और बेलव्यू समेत 39 शहर आते हैं, ने 15 अगस्त को आधिकारिक तौर पर “इंडिया डे” घोषित किया।

समग्र समाचार सेवा 
सिएटल, 16 अगस्त:भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस को एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में तब याद किया जाएगा, जब पहली बार अमेरिका के सिएटल शहर की पहचान माने जाने वाले स्पेस नीडल पर भारत का तिरंगा लहराया गया। यह घटना भारत-अमेरिका संबंधों की गहराई और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के योगदान को सम्मानित करने के लिए आयोजित की गई थी।

 

ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना सिएटल

स्पेस नीडल, जो 1962 के वर्ल्ड फेयर के लिए बनाया गया था, सिएटल का सबसे प्रसिद्ध प्रतीक है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जब इस संरचना के शीर्ष पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तो पूरा वातावरण भारत-अमेरिका मित्रता की भावना से भर गया।

इस अवसर पर भारत के सिएटल स्थित वाणिज्य दूतावास के कौंसल जनरल प्रकाश गुप्ता और सिएटल के मेयर ब्रूस हेरल ने संयुक्त रूप से ध्वजारोहण का नेतृत्व किया।

अमेरिकी नेताओं की मौजूदगी

समारोह में कई अमेरिकी गणमान्य नेता भी शामिल हुए। इनमें अमेरिकी सांसद एडम स्मिथ, वॉशिंगटन सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस डेब्रा एल. स्टीफेंस, और सिएटल पोर्ट कमिश्नर सैम चो प्रमुख थे।
कांग्रेस सदस्य एडम स्मिथ ने कहा कि स्पेस नीडल पर तिरंगे का लहराना न केवल भारत-अमेरिका के मजबूत संबंधों का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र की विविधता और भारतीय समुदाय की अहमियत को भी दर्शाता है।

सामुदायिक उत्सव

कार्यक्रम के बाद केरी पार्क में सामुदायिक स्वागत समारोह का आयोजन हुआ। यहां से लोग सिएटल की स्काईलाइन के साथ स्पेस नीडल पर फहराता तिरंगा देख सके। इस दृश्य ने भारतीय समुदाय के लिए गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का माहौल बना दिया।

पूरे शहर में गूँजी आज़ादी की भावना

केवल स्पेस नीडल ही नहीं, बल्कि सिएटल की कई अन्य प्रमुख इमारतें भी तिरंगे के रंगों से जगमगा उठीं। इनमें ल्यूमेन स्टेडियम, टी-मोबाइल स्टेडियम, वेस्टिन होटल और सिएटल ग्रेट व्हील शामिल थे।
इसके अलावा, टकोमा शहर के डोम, सिटी हॉल और पुलिस व फायर डिपार्टमेंट के मुख्यालयों पर भी भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

“इंडिया डे” की आधिकारिक घोषणा

विशेष पहल के रूप में किंग काउंटी, जिसमें सिएटल, स्पोकेन, टकोमा और बेलव्यू समेत 39 शहर आते हैं, ने 15 अगस्त को आधिकारिक तौर पर “इंडिया डे” घोषित किया।

निष्कर्ष

यह आयोजन केवल ध्वजारोहण तक सीमित नहीं था, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों के नए अध्याय और भारतीय प्रवासी समुदाय की शक्ति का प्रतीक बन गया। पहली बार स्पेस नीडल पर फहराए तिरंगे ने न केवल भारतीयों, बल्कि अमेरिका के नागरिकों को भी एक साझा संस्कृति और दोस्ती का संदेश दिया।

निष्कर्ष

यह आयोजन केवल ध्वजारोहण तक सीमित नहीं था, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों के नए अध्याय और भारतीय प्रवासी समुदाय की शक्ति का प्रतीक बन गया। पहली बार स्पेस नीडल पर फहराए तिरंगे ने न केवल भारतीयों, बल्कि अमेरिका के नागरिकों को भी एक साझा संस्कृति और दोस्ती का संदेश दिया।

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