वैश्विक मंच पर भारत ने जगाई नई उम्मीदें: प्रवासी भारतीय दिवस पर मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

कुमार राकेश
भुवनेश्वर,11 जनवरी।
संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के पूर्ण सत्र में भारत की वैश्विक छवि को सकारात्मक रूप से आकार देने में प्रवासी भारतीय समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इस वर्ष का सम्मेलन “विकसित भारत में प्रवासियों का योगदान” थीम पर आधारित था, जहां संस्कृति, संबंध और जुड़ाव पर गहन संवाद हुआ।

भारत की ओर वैश्विक आशावाद
सत्र ‘प्रवासी संवाद: संस्कृति, संबंध और अपनापन की कहानियां’ में मंत्री शेखावत ने कहा, “दुनिया भारत को नई उम्मीद और विश्वास के साथ देख रही है।” उन्होंने बताया कि किसी भी राष्ट्र की ताकत इस बात में निहित होती है कि वह दुनिया भर में अपने लोगों से कैसे जुड़े रहता है।

शेखावत ने यूरोप में क्वांटम कंप्यूटिंग और जलवायु समाधान में प्रवासी भारतीयों की भूमिका की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने ब्रिटेन में भारतीय स्वामित्व वाले व्यवसायों द्वारा 1 लाख से अधिक नौकरियां सृजित करने को भी गर्व का विषय बताया।

भारत की बढ़ती सॉफ्ट पावर
भारत की सांस्कृतिक शक्ति पर प्रकाश डालते हुए शेखावत ने कहा, “योग, आयुर्वेद, भारतीय भोजन और कला में निहित हमारी सॉफ्ट पावर ने वैश्विक स्तर पर प्रशंसा प्राप्त की है।” उन्होंने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर दिवाली और लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर पर होली जैसे उत्सवों का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत की सांस्कृतिक गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है।

महाकुंभ 2025 में शामिल होने का आमंत्रण
मंत्री शेखावत ने प्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले महाकुंभ में भाग लेने का निमंत्रण दिया। उन्होंने इसे भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन बताते हुए कहा कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव का अनूठा अवसर है।

विकसित भारत के लक्ष्य में प्रवासी भारतीयों की भूमिका
ओडिशा सरकार के सहयोग से 8 से 10 जनवरी तक आयोजित तीन दिवसीय पीबीडी सम्मेलन में 50 से अधिक देशों से प्रवासी भारतीय शामिल हुए। इस मंच ने भारत और उसके वैश्विक समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करने और राष्ट्र की प्रगति में उनके अमूल्य योगदान को उजागर करने का कार्य किया।

शेखावत ने विकसित भारत के 2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए प्रवासी भारतीयों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियां भारत को समृद्ध और वैश्विक रूप से जुड़ा हुआ भविष्य गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

संस्कृति और प्रगति का संगम
मंत्री शेखावत ने यह भी कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक प्रगति का संगम ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को इस मिशन में भागीदारी करने और भारत को विश्व मंच पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया।

भारत और प्रवासी भारतीयों का अटूट रिश्ता
यह सम्मेलन इस बात का प्रमाण है कि भारत और उसके प्रवासी नागरिकों के बीच संबंध केवल सांस्कृतिक या भावनात्मक नहीं, बल्कि विकास और प्रगति से भी जुड़े हुए हैं। मंत्री शेखावत का संदेश स्पष्ट था—प्रवासी भारतीयों का योगदान भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.