पीएम नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बहुत बड़ी छलांग लगाई है- अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के सूरत में 150 बेड के पीपी माणीया कैंसर, हार्ट इंस्टिट्यूट एवं ट्रॉमा सेंटर व मॉम्स आई.वी.ऍफ़. सेंटर का उद्घाटन किया।
समग्र समाचार सेवा
सूरत, 17अगस्त। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के सूरत में 150 बेड के पीपी माणीया कैंसर, हार्ट इंस्टिट्यूट एवं ट्रॉमा सेंटर व मॉम्स आई.वी.ऍफ़. सेंटर का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में शीर्ष दस शहरों में सूरत काफ़ी ऊपर होगा। इस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल के निर्माण से सूरत में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और बढ़ेगी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज पारसी नव वर्ष है और पारसियों का इतिहास गुजरात के साथ जुडा हुआ है। दक्षिण गुजरात ने ईरान से आए हुए पारसियों को अपनाया और तब से ये समुदाय समाज का अभिन्न हिस्सा बन गया। इसके कारण देश-दुनिया में एक संदेश गया कि किस प्रकार पारसियों को गुजरात ने स्वीकारा है और पारसी समुदाय के लोगों ने भी अनेक क्षेत्रों में योगदान देकर देश को मजबूत बनाया है।
अमित शाह ने कहा कि आज 150 बेड के इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के खुलने के साथ ही अनेक प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होने जा रही हैं। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 15 अगस्त को आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अमृतकाल में भारत को विश्व में श्रेष्ठतम बनाने और शीर्ष स्थान पर बिठाने के लिए एक संकल्प 130 करोड भारतवासियों के सामने रखा। गुजरात इस संकल्प की पूर्ति की दिशा में पूरी तरह से कटिबद्ध होकर आगे बढ रहा है। उन्होंने कहा कि गत 20 वर्षों से, जब से श्री नरेन्द्र मोदी जी राज्य के मुख्यमंत्री बने, तब से गुजरात ने विकास का उदाहरण देश के सामने प्रस्तुत किया है। शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन, ड्रॉपआउट रेश्यो जीरो करना, 100 प्रतिशत एनरोलमेन्ट करना, आरोग्य सुविधाएं प्रदान करना, जलसंचय करके सौराष्ट्र और कच्छ जैसे क्षेत्रों में पानी के स्तर को उठाना हो, सौनी योजना के माध्यम से नर्मदा का पानी पूरे सौराष्ट्र में पहुंचाना हो या फिर ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबी बनना हो, व्यापार-उद्योगों को लगातार 15 वर्ष तक शीर्ष पर बनाए रखना हो, हर क्षेत्र में गुजरात ने कई रेकॉर्ड बनाए हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आठ वर्ष पहले श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 का स्वास्थ्य बजट 94,452 करोड़ रूपए था जिसे मोदी सरकार ने 2021-22 में बढ़ाकर 2,24,000 करोड़ रूपए कर दिया। स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए 137 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग सवा लाख करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र ने एक बहुत बड़ी छलांग लगाई है। पीएम आयुष्मान योजना के तहत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत 64 हजार करोड़ रूपए के ख़र्च से 600 से ज्य़ादा जिलों में क्रिटिकल केयर यूनिट बनाने के लिए 35 हजार से ज्यादा नये बेड तैयार होंगे। 730 जिलों में इन्टीग्रेटेड पब्लिक लैब तैयार होंगी और महामारी की रोकथाम से जुड़े अनेक रिसर्च सेन्टर रोगों और उन्हें होने से पहले रोकने की दिशा में रिसर्च करेंगे।
अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लगभग 1600 करोड़ रूपए का बजट मेडिकल कॉलेजों के लिए आवंटित किया है। वर्ष 2013-14 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे जिन्हें केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2021-22 में बढ़ाकर 596 कर दिया। एमबीबीएस सीटें 51,348 थीं जिन्हें बढ़ाकर 89,875 किया गया और पीजी में 31,185 सीटों को लगभग 100 प्रतिशत बढाकर 60,202 करने का काम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। 22 नए एम्स और 75 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज को स्वीकृति दी गई और 57 मेडिकल कॉलेज का अपग्रेडेशन कर उनमें अनेक प्रकार की सुविधाओं की शुरूआत की गई है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात ने भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफ़ी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ जुड़ेलोगों के लिए तीन पैरामीटर में सुधार लाना बहुत कठिन होता है- माता मृत्युदर, शिशु मृत्युदर और इन्स्टीट्यूशनलाइज़्ड डिलीवरी। गुजरात में माता मृत्य़ुदर 87 से घटकर 70 हुई है और शिशु मृत्युदर 30 से घटकर 23 हुई है। इन्स्टीट्यूशनलाइज़्ड डिलीवरी 88.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 94.03 प्रतिशत तक ले जाने का काम गुजरात ने किया है। इसके साथ ही पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 43.5 (2017) से घटकर 37.6 हो गई, टोटल फर्टिलिटी रेट में 2.2 (2017) से 1.9 तक सुधार हुआ है, इसके अलावा लिंग अनुपात में भी सुधार हुआ है 866 (2017) से बढ़कर 955 हो गया। गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूरे देश के सामने एक उदाहरण पेश किया है और इस कड़ी में आज माणीया हॉस्पिटल का नया मोती जुड़ गया है।
Comments are closed.