समग्र समाचार सेवा,
जकार्ता, 30 मई: भारत के इंडोनेशिया में राजदूत संदीप चक्रवर्ती ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए आतंकवाद विरोधी कदमों के पीछे पूरा देश खड़ा है और विश्व को यह स्पष्ट संदेश गया है कि आधुनिक युग में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की नीति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की है और इसे पूरी मजबूती से लागू किया जा रहा है।
संदीप चक्रवर्ती ने यह टिप्पणी इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में की, जहां भारत-इंडोनेशिया द्विपक्षीय आतंकवाद विरोधी सहयोग पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इंडोनेशियाई पक्ष ने भारत की इस नीति की गंभीरता को समझा है, क्योंकि इंडोनेशिया स्वयं आतंकवाद से पीड़ित रहा है।”
उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया में दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है, जबकि भारत में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है। इसी आधार पर दोनों देशों के बीच आपसी सांस्कृतिक और धार्मिक समझ गहराई से जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और इंडोनेशिया के बीच हिंसक और ऑनलाइन उग्रवाद के खिलाफ डी-रेडिकलाइजेशन कार्यक्रम जैसे विषयों पर भी सहयोग की बात हुई है।
राजदूत चक्रवर्ती ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) द्वारा भारत विरोधी प्रस्तावों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव भारतीय मुसलमानों को आहत करते हैं, जबकि भारत OIC सदस्य देशों का मित्र है, विशेषकर इंडोनेशिया जैसा देश जो भारत के साथ गहरी दोस्ती साझा करता है। उन्होंने पूछा, “जब भारत में मुस्लिम आबादी पाकिस्तान से ज्यादा है, तो फिर भारत के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन क्यों?”
इस दौरान, इंडोनेशिया के नहदलातुल उलमा कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष केएच उलिल अबशार अब्दुल्ला ने भारत के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत और इंडोनेशिया दोनों ही आतंकवाद की पीड़ा झेल चुके हैं और दोनों देशों की साझा इच्छाएं आर्थिक विकास, राजनीतिक स्थिरता और सांप्रदायिक सौहार्द प्राप्त करने की हैं।
केएच उलिल अब्दुल्ला ने कहा, “मैंने अपने भारतीय सहयोगियों से कहा कि आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ित अक्सर मुसलमान ही होते हैं। कुछ समूह इस्लाम के नाम पर हिंसा को बढ़ावा देते हैं, जबकि इस्लाम एक शांतिप्रिय धर्म है। यह पूरी तरह से निंदनीय है।”
#WATCH | Jakarta, Indonesia | KH Ulil Abshar Abdalla, Chairman of Nahdlatul Ulama Executive Board, says, "… Of course, certain groups in Islam promote violence in the name of Islam. This is not right because Islam is a peace-loving religion and Muslims are peace-loving people.… https://t.co/L1UzBFfMhI pic.twitter.com/L8fzjIYiDN
— ANI (@ANI) May 30, 2025
भारत से आए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता और जदयू सांसद संजय कुमार झा ने बताया कि केएच उलिल ने व्यक्तिगत रूप से भारत के दर्द को समझने की बात कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार-बार OIC में प्रस्ताव पारित कराकर भारत को निशाना बनाता है, जबकि भारत में सांप्रदायिक सौहार्द और लोकतांत्रिक व्यवस्था है।
संजय झा ने बताया कि उन्होंने पहल्गाम आतंकी हमले की जानकारी भी इंडोनेशियाई नेताओं से साझा की, जहां निर्दोष लोगों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि भारत के सांप्रदायिक सौहार्द को नष्ट करने की कोशिश की गई, और यही चिंताएं भारत ने इंडोनेशिया के समक्ष रखीं।
केएच उलिल अब्दुल्ला ने कहा कि धार्मिक गलतफहमियों और उसका हिंसा में रूपांतरण सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय इतिहास और सभ्यता ने इंडोनेशियाई संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया है, इसलिए दोनों देशों को जनस्तर पर सहयोग को बढ़ाना चाहिए।
भारत और इंडोनेशिया के नेताओं के बीच यह बातचीत न केवल आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक एकजुटता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि धार्मिक सहिष्णुता और विकासशील सहयोग ही इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की कुंजी है।
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